नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने के साथ ही एक शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहायक भूमिका निभाने को उत्सुक हैं.
रूस और ऑस्ट्रिया के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में यह बात कही. मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में मिलेंगे. इस दौरान वे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीके तलाशने पर विमर्श करेंगे. रूस में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे. यह, विगत 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की वहां की पहली यात्रा होगी.
मोदी ने बयान में कहा, ”भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं.’’
उन्होंने कहा, ”मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहायक भूमिका निभाना चाहते हैं. यह यात्रा मुझे रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी.’’
प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया को भारत का ‘दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार’ बताया और कहा कि इस दौरे पर उन्हें राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर से मिलने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रिया हमारा दृढ़ और विश्वसनीय भागीदार है और हम लोकतंत्र और बहुलवाद के आदर्शों को साझा करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ”पिछले 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है. मैं नवाचार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास के नए और उभरते क्षेत्रों में हमारी साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी चर्चाओं को लेकर आशान्वित हूं.’’ मोदी ने कहा कि वह दोनों पक्षों की कारोबारी हस्तियों के साथ विचारों के आदान-प्रदान को लेकर आशान्वित हैं ताकि परस्पर लाभकारी व्यापार एवं निवेश अवसरों की संभावना तलाशी जा सके. उन्होंने कहा, ”मैं ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय से भी बातचीत करुंगा, जो अपने पेशेवर रूख और आचरण के लिए जाने जाते हैं.’’