पलवली हत्याकांड में मुख्य दोषी को उम्रकैद, पीड़ितों ने मांगी फांसी.. जानें ग्रेटर फरीदाबाद का चर्चित केस

फरीदाबाद के चर्चित पलवली हत्याकांड में शुक्रवार को कोर्ट ने नौ दोषियों को सजा सुनाई। मुख्य दोषी कमल किशोर को उम्रकैद और दो को सात-सात साल की सजा सुनाई गई। 2017 में ग्रेटर फरीदाबाद के पलवली में चुनावी रंजिश में पांच लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

फरीदाबाद: 17 सितंबर 2017 का दिन कौन भूल सकता है! ग्रेटर फरीदाबाद के पलवली गांव में गोली मारकर पांच लोगों की जान ले ली गई थी। 28 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। अब शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार की कोर्ट ने केस के मुख्य दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दो दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। बाकी दोषी अपनी सजा काट चुके हैं। इनमें छह लोग शामिल हैं। एक को तीन साल और बाकी को एक-एक साल की सजा सुनाई गई। चुनावी रंजिश में पलवली में 58 वर्षीय श्रीचंद, 55 साल के राजेंद्र, 35 वर्षीय ईश्वर, 28 साल के नवीन और 27 वर्षीय पिंट्ट उर्फ देव की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप गांव के ही ज्ञानचंद के परिवार पर था। थाना खेड़ी पुलिस ने ज्ञानचंद परिवार के अलावा उनके समर्थकों सहित 28 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोपियों में तत्कालीन सरपंच दयावती, उसका पति विरेंद्र उर्फ बिल्लू, धर्मेंद्र आदि शामिल थे। आरोपियों में शामिल धर्मेंद्र व प्रमोद हरियाणा पुलिस में एएसआई थे। हमले में श्रीचंद परिवार के कन्हैया और नितेश को भी गोली लगी थी।

आरोपियों में नंदकिशोर की मौत हो चुकी है। मामले में कोर्ट ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर 19 फरवरी 2024 को कमल किशोर को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था, जबकि धर्मेंद्र और नरेंद्र को हत्या के प्रयास का दोषी माना था। अमित, रविंद्र, लोकेश, सतीश, और हरीश भी दोषी करार दिए गए थे। लीगल सेल के एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने शुक्रवार को इन सभी को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है।

जुर्माना भी देना होगा
कमल किशोर को उम्रकैद की सजा के साथ पांच लाख साठ हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। नरेंद्र को हत्या के प्रयास में सात साल कैद और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। धर्मेंद्र को हत्या के प्रयास में दोषी मानते हुए सात साल कैद और 70 हजार रुपये जुर्माने की सजा हुई। अमित को तीन साल कैद के साथ 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। इनके अलावा रविंद्र, रविकांत, लोकेश, सतीश व हरीश को एक साल कैद व एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। हत्याकांड में ज्ञानचंद, शिवकांत, विनय, राजेंद्र प्रसाद, मौजीराम, ओमवती, दयावती, सागर, श्रीकांत, हरकेश, मनोज, वीरेंद्र उर्फ बिल्लू, ओमदत्त, श्रीराम, प्रमोद, सुभाष और चमन को 19 फरवरी को बरी कर दिया गया था।

पलवली हत्याकांड में फैसला आ चुका है। इस मामले को लेकर गांव में अनेक ऐसे मोड़ आए, जब रंजिश बढ़ती चली गई थी, लेकिन समाज के कुछ मौजिज लोगों ने सौहार्द की भावना बनाने की कोशिश की। पीड़ित परिवार के दो युवकों ने नौकरी छोड़ दी। अपने भाइयों के हत्या आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए वकालत कर प्रैक्टिस शुरू की। हालांकि इस फैसले के बाद दोनों का कहना है कि वह हाई कोर्ट जाएंगे। परिवार ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है।

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