कुमारी सैलजा ने ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान पर सरकार से मुआवजे की मांग की

किसानों की मदद के लिए सरकार को शीघ्र गिरदावरी कर मुआवजा देने की अपील

ऐलनाबाद, 28 दिसंबर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में हुई बारिश और भारी ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रभावित फसलों की विशेष गिरदावरी कराकर किसानों को शीघ्र मुआवजा दिया जाए ताकि वे अगली बिजाई की तैयारी कर सकें। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि किसान पहले ही सरकार की नीतियों और मनमानी के कारण परेशान हैं।

कई जिलों में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने बताया कि शुक्रवार को प्रदेश के 11 जिलों में बारिश हुई, जिनमें जींद, हिसार, भिवानी, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर, पानीपत और सोनीपत जिले शामिल हैं। कई क्षेत्रों में तड़के तीन बजे से ही बारिश शुरू हो गई थी। इस दौरान हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी और कैथल जिलों में भारी ओलावृष्टि हुई। फतेहाबाद जिले में ओलावृष्टि इतनी तीव्र थी कि सड़क पर मोटी चादर सी बिछ गई और फसलें पूरी तरह से तबाह हो गईं। कुमारी सैलजा ने बताया कि रबी की फसलों, खासकर सरसों और गेहूं, के साथ-साथ आलू, मेथी, गोभी और टमाटर जैसी सब्जियों की फसलें भी बुरी तरह प्रभावित हुईं।

70 गांवों में फसलों को नुकसान, तत्काल मुआवजे की आवश्यकता

सैलजा ने यह भी बताया कि हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, जींद और कैथल के लगभग 70 गांवों में ओलावृष्टि से सब्जियों और सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। फतेहाबाद के गांव बड़ोपल, मोहम्मदपुर रोही और झुलनिया सहित अन्य गांवों में ओलावृष्टि हुई। इसके अलावा, हिसार के करीब 50 गांवों में भी ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिनमें आदमपुर, नारनौल और हांसी क्षेत्र के गांव प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में चने की फसलों को भी नुकसान हुआ है।

किसानों के लिए मुआवजे की मांग, 40 हजार रुपये प्रति एकड़ की मदद की जरूरत

कुमारी सैलजा ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण जहां फसलें बर्बाद हुई हैं, वहां जमीन भी गीली पड़ने के कारण दोबारा बिजाई संभव नहीं होगी। इससे किसानों की हालत और भी खराब हो गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को कम से कम 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए ताकि वे अपनी फसलों की क्षतिपूर्ति कर सकें और आने वाली फसलों की तैयारी में जुट सकें।

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