“कोलकाता डॉक्टर हत्या मामला: सीबीआई को गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय पर पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मिली”

कोलकाता: एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दे दी है, एक अधिकारी ने बताया।

अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सीबीआई ने अभी तक टेस्ट की तारीख निर्धारित नहीं की है। नियम के अनुसार, आरोपी को एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना होगा, जो यह पूछेगा कि क्या वह पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमत है।

इस टेस्ट के जरिए अपराधी झूठ बोल रहा है या सही इसका पता लगाया जाता है। सीबीआई ने सियालदह कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने याचिका दाखिल की थी। इस तरह के टेस्ट में सीबीआई के कुछ डाक्टरों की एक सीएफएसएल टीम जांच करती है। कोलकाता के इस हत्याकांड के मामले में भी सीबीआइ संजय राय से कुछ सवाल करेगी।

14 अगस्त से सीबीआई ने शुरू की जांच
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में ड्यूटी के दौरान ट्रेनी महिला डाक्टर से दुष्कर्म किया गया और हत्या कर दी गई थी। महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार कक्ष के अंदर मिला था। अपराध में कथित संलिप्तता के लिए अगले दिन कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक संजय राय को गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को मामले की जांच सीबीआई को को सौंपने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 14 अगस्त से अपनी जांच शुरू कर दी है।

क्या होता पॉलीग्राफ?
पॉलीग्राफ यह एक ऐसी मशीन है जिसका प्रयोग झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है। खास कर इसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी अपराध का पता लगाना हो। पालीग्राफ टेस्ट को झूठ पकड़ने वाली मशीन अथवा लाई डिटेक्टर के नाम से भी जाना जाता है। भारत के अंदर पालीग्राफ का प्रयोग करने से पहले कोर्ट से अनुमति लेना आवश्यक है। अब तक इसका कई लोगों पर सफल प्रयोग किया जा चुका है। ‌‌‌पालीग्राफ टेस्ट के दौरान यह देखा जाता है कि सवालों के जवाब देते समय क्या इंसान झूठ बोल रहा है या सच। इंसान जब भी झूठ बोलता है, तब उसका हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, बदलता है। पसीना आता है। आंखें इधर-उधर जाती हैं। कई बार पालीग्राफ टेस्ट के दौरान हाथ-पैर के मूवमेंट पर भी ध्यान दिया जाता है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या की चार अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है।

पूर्व प्रिंसिपल से चौथी बार पूछताछ
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष आज सुबह कोलकाता स्थित सीबीआई दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे चौथे दौर की पूछताछ चल रही है. सीबीआई की लगातार पूछताछ से साफ पता चलता है कि वे संदीप घोष के जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि उनके जवाबों स्पष्ट नहीं हैं। परिवार को शुरू में आत्महत्या का सिद्धांत प्रस्तुत किया गया था, और अपराध स्थल को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं किया गया था, जो चल रही पूछताछ का केंद्र बना हुआ है।

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