खरमास 2024: क्या करें और क्या न करें? जानिए इसके महत्व और प्रभाव

जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है और इस दिन से खरमास की शुरुआत होती है। हिंदू धर्म में खरमास साल में दो बार लगता है और इस दौरान मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है। इसे लेकर मान्यता है कि सूर्य का तेज इस समय कम हो जाता है, जिससे शुभ कार्यों का फल नहीं मिलता। पंचांग के अनुसार, इस साल खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो गया है और इसकी अवधि 30 दिन की होती है, जो 14 जनवरी 2025 को समाप्त होगी। आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

खरमास में न करें ये काम
शादी और अन्य मांगलिक कार्य: खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। माना जाता है कि इस दौरान की गई शादी से जीवन में सुख-समृद्धि नहीं आती और वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन: शादी के अलावा सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य भी इस दौरान नहीं किए जाते। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य के धनु राशि में होने के कारण इस समय किए गए शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

व्यापार की शुरुआत: अगर आप नया व्यापार शुरू करने की सोच रहे हैं, तो खरमास के दौरान ऐसा न करें। इस समय व्यापार की शुरुआत से नुकसान हो सकता है। बेहतर होगा कि आप खरमास समाप्त होने के बाद ही व्यापार की शुरुआत करें।

नया घर खरीदना: खरमास के दौरान नया घर खरीदने से वास्तु दोष बढ़ सकता है और जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। इस समय घर खरीदने से बचना चाहिए।

तामसिक भोजन: खरमास में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और मानसिक शांति में भी कमी हो सकती है।

खरमास में करें ये काम
धार्मिक पूजन: खरमास में शादी-विवाह जैसे कार्यों की मनाही होती है, लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजन करना चाहिए। इस समय भगवान विष्णु की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।

सत्यनारायण भगवान की कथा: अगर आप खरमास में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते या पढ़ते हैं, तो यह आपके परिवार पर शुभ प्रभाव डालता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

ग्रह दोष से मुक्ति: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति खराब है, तो उसे खरमास के दौरान पूजा-पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से ग्रह दोष का प्रभाव कम हो सकता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं।

सूर्य को जल अर्पित करना: खरमास में नियमित रूप से भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में आशीर्वाद और सकारात्मकता आती है।

निष्कर्ष:
खरमास का समय धर्म और ज्योतिष में विशेष महत्व रखता है। इस समय किए गए कार्यों से सेहत, जीवन और व्यवसाय पर असर पड़ सकता है। जहां एक ओर खरमास में कुछ कार्यों से बचना चाहिए, वहीं दूसरी ओर धार्मिक कार्यों और पूजन से इसके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है।

डिस्क्लेमर:
यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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