नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सार्वजनिक रूप से यमुना के पानी को पीने की चुनौती दी है। केजरीवाल ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य हरियाणा दिल्ली को ‘जहर’ दे रहा है और यमुना के पानी में अमोनिया का खतरनाक स्तर पाया गया है। उनके इस बयान से दिल्ली चुनाव से पहले विवाद बढ़ता जा रहा है।
केजरीवाल ने रैली में कहा कि यमुना में 7 भाग प्रति मिलियन (PPM) अमोनिया का स्तर पाया गया है, जो उनके अनुसार ‘जहर’ के बराबर है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार यमुना नदी को प्रदूषित कर रही है, जिससे दिल्लीवासियों का जीवन संकट में पड़ सकता है। मुख्यमंत्री आतिशी और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी केजरीवाल के आरोपों का समर्थन किया और विपक्षी नेताओं को वही पानी पीने की चुनौती दी।
केजरीवाल ने कहा, “अमित शाह, राजीव कुमार, राहुल गांधी, संदीप दीक्षित हमें दिखाएं कि आप मीडिया के सामने 7 पीपीएम अमोनिया वाला पानी पी सकते हैं। आप दिल्ली में 7 पीपीएम पानी भेज रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं।” जब केजरीवाल से बीजेपी शासित हरियाणा के खिलाफ उनके आरोपों के आधार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “फिर कौन जिम्मेदार है, क्योंकि दिल्ली में पानी पानीपत से आता है?”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस दूषित पानी को जल उपचार संयंत्रों तक पहुंचने दिया जाता है, तो क्लोरीनीकरण प्रक्रिया के दौरान यह बेहद घातक हो सकता है। केजरीवाल ने जल बोर्ड सीईओ के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि 21 जनवरी के बाद दिल्ली में पानी का अमोनिया स्तर 3 पीपीएम से बढ़कर 7 पीपीएम हो गया है, जिससे जल उपचार संयंत्रों के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल की टिप्पणियों की आलोचना की और कहा कि ऐसी टिप्पणियां देश का अपमान करती हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह खुद यमुना का पानी पीते हैं। बीजेपी ने केजरीवाल के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दायर करने की धमकी दी है।
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव पूर्व स्वच्छ पानी की उपलब्धता एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है, जिसे लेकर राजनीतिक दलों के बीच बहस तेज हो गई है।