पीएम की सभा में भाजपाई विधूड़ी और कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास जैसे टुच्चे, नारी पर कर रहे भद्दे मखौल ii
ग़ुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल
हमारे जागरूक पाठक रिटायर्ड डीजीपी हरियाणा वी एन राय के सौजन्य से
पीएम सभा में भाजपाई विधूड़ी या कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास जैसे टुच्चे स्त्री मखौल पर ही न जाइए। भारतीय समाज सांस्कृतिक विविधताओं के साथ लैंगिक/वर्गीय असमानताओं का भी मंच है। लिहाजा, जिस देश में भाषाओं की भरमार है वहां बराबरी की भाषा/भंगिमा प्रायः कम मिलेगी। यहां तक कि अन्यथा सतर्क राजनीतिक/मार्केट स्पेस में भी।
आश्चर्य क्या कि सादगी पसंद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि को लेकर कांग्रेस/भाजपा ने उनके प्रति अपने एलीट ब्रांड के तर्को/कुतर्कों से सर्व साधारण के अंत्येष्टि स्थल निगमबोध घाट को भी जाने अनजाने कई दिन तक अपमानित होने दिया। म्यूचुअल फंड के एक बहुप्रचारित विज्ञापन में मां बेटे को हाल में बढ़ा वेतन SIP में निवेश करने का सुझाव देती है, लेकिन फिर उसके अनमने रंग ढंग को देखते हुए वही बात मर्दानी आवाज में दोहराती है। अब बेटा तुरन्त गंभीरता से विचार करते हुए स्वीकार मुद्रा में आ गया।
गौर कीजिए तो हमारे जीवन में रोजाना ऐसे कितने ही प्रसंग होते हैं जिन्हें हम नोटिस नहीं कर पाते।