Kasturba Gandhi Jayanti:बेहद संघर्षपूर्ण रहा महात्मा गांधी की पत्नी बनने से लेकर “बा” तक का सफर…
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नई दिल्ली। इतिहास के पन्नों में बहुत ही कम जगहों पर महात्मा गांधी की पत्नी..कस्तूरबा गांधी का जिक्र मिलता है…लेकिन शायद आप जानते नही है….कस्तूरबा गांधी वह महिला थी जिन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन में महात्मा गांधी से लेकर राष्ट्रपिता और बापू बनने तक….बहुत ही अहम रोल निभाई थी। आज उनकी जयंती पर आइए जानते है उनके जीवन की कुछ खास बातें….
जीवन परिचय
कस्तूरबा गांधी का जन्म 11 अप्रैल 1869 में काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। कस्तूरबा गांधी के पिता ‘गोकुलदास मकनजी’ साधारण स्थिति के व्यापारी थे। उनकी माता का नाम व्रजकुंवरबा कपाडिया था। गोकुलदास मकनजी की कस्तूरबा तीसरी संतान थीं।
शिक्षा
कस्तूरबा गांधी बचपन में निरक्षर थीं।
व्यक्तिगत जीवन
सात साल की आयु में 6 साल के मोहनदास के साथ उनकी सगाई कर दी गई। तेरह साल की आयु में उन दोनों का विवाह हो गया।
कस्तूरबा गांधी को जाना पड़ा था जेल
कस्तूरबा गांधी..बापू के हर निर्णय और कार्य में हर तरह से साथ दिया था..वह प्रत्येक आंदोलन में सक्रिय थी और गिरफ़्तार होकर जेल भी गई। ‘बा’ का समर्पण उनके परिवार से अधिक मानवता और देश के प्रति था। ऐसे में उनकी सेवा समर्पण व देश के लिए पति, बच्चों के प्रेम सानिध्य का त्याग, इतिहास में दर्ज नहीं हो पाया.. उनका जीवन संघर्ष भरा था…आंदोलन का हिस्सा होकर भी उनका नाम आंदोलनों में नही आया।
दक्षिण अफ्रीका में लड़ी था रंगभेद की लड़ाई
कस्तूरबा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की लड़ाई में बापू के साथ रही और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 1913 में उन्हें 3 महीने के लिए जेल में डाला गया था। भारत आने के बाद उन्होंने बापू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था।
निधन
22 फरवरी, 1944 को दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।