कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (MUDA) घोटाले के मामले में लोकायुक्त के सामने पेश होने की पुष्टि कर दी है। लोकायुक्त ने इस घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री को समन जारी किया था। मंगलवार को हुबली-धारवाड़ इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “मैं कल सुबह 10 बजे जा रहा हूं।”
मुख्यमंत्री की पत्नी से भी हो चुकी है पूछताछ
इससे पहले, लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती से 25 अक्तूबर को इस मामले में पूछताछ की थी। इसके अलावा, पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी और उनके रिश्तेदार देवाराजू से भी पूछताछ हुई है। जानकारी के अनुसार, मल्लिकार्जुन ने देवाराजू से जमीन खरीदकर अपनी बहन पार्वती को उपहार में दी थी।
सीबीआई को सौंपी जा सकती है जांच
MUDA घोटाले में सीएम सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले में मुख्यमंत्री और अन्य संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है। आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की ओर से दायर याचिका में MUDA घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी, और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए लोकायुक्त को अब तक की गई जांच का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
क्या है MUDA घोटाला?
MUDA घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे सीएम की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। जब यह जमीन MUDA के जमीन अधिग्रहण के दायरे में आई, तो मुआवजे के रूप में पार्वती को 14 प्लॉट आवंटित किए गए। आरोप है कि इन प्लॉट की कीमत बाजार मूल्य से अधिक थी। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह घोटाला तीन से चार हजार करोड़ रुपये का हो सकता है।
इस मामले में ईडी भी धन शोधन के कोण से जांच कर रही है और MUDA के पूर्व आयुक्त डीबी नातेश से पूछताछ कर चुकी है।