चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने हाल ही में एक यूट्यूबर सुरेंद्र पर 50 लाख रुपये का जुर्माना बतौर हर्जाना ठोका है। यूट्यूबर पर RSS से जुड़े संगठन सेवा भारती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप था। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने आंखों पर पट्टी नहीं बांध रखी है और ना ही आंख बंद कर रह सकती है। जस्टिस एन सतीश कुमार की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी अपनी संवैधानिक स्वतंत्रता और अधिकार का इस्तेमाल दूसरों की गोपनीयता पर हमला करने या उनकी इमेज को खराब करने के लिए नहीं कर सकता है।
जस्टिस एन सतीश कुमार ने अपने फैसले में लिखा, सिर्फ अभिव्यक्ति की आजादी के बहाने कोई दूसरों की निजता में दखल देकर इंटरव्यू नहीं कर सकता। कानून किसी यूट्यूबर और सोशल मीडिया को दूसरों की इमेज खराब करने की इजाजत नहीं देता है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें, यूट्यूबर ने 2020 में दो ईसाई शख्स, पी जयराज और उनके बेटे बेनिक्स की हिरासत में हुई मौत के मामले में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े तमिलनाडु की सेवा भारती ट्रस्ट के तार जोड़े थे और ट्रस्ट पर कई अपमानजनक टिप्पणी की थी। फिर इसके खिलाफ भारती ट्रस्ट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और मुआवजे की मांग की थी।