नोएडा: हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रही प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बीच झारखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है. ईडी की कई घंटों की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि अब सीएम पद की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी? लेकिन कुछ ही पल बाद खबर आती है कि चंपई सोरेन को झारखंड की कमान मिली है. आइए इस खबर में हम आपको चंपई सोरेन के बारे में विस्तार से बताते हैं.
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन का जन्म 1956 में सरायरकेला के जिलिंगगोड़ा में सेमल सोरेन और माधव सोरेन के घर हुआ था. तीन भाइयों और एक बहन में चंपई सोरेन सबसे बड़े हैं. वहीं बात करें इनके शैक्षणिक योग्यता की तो ये केवल मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.
बता दें चंपई सोरेन फिलहाल, हेमंत सोरेन की सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और उनके जिम्मे परिवहन विभाग है. यही नहीं उनके पास झारखंड सरकार में आदिवासी कल्याण मंत्री का भी प्रभार है, और अब हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद वह पूरे झारखंड की कमान संभालेंगे. झारखंड के लोग चंपई को कोल्हान का टाइगर के नाम से भी बुलाते हैं. खास बात यह है कि राजनीति में कदम रखने से पहले चंपई का नाता खेती-बारी से था. लेकिन झारखंड की सियासत के सबसे बड़े चेहरे शिबू सोरेन के चंपई काफी करीबी रहे हैं. कई मौकों पर हेमंत सोरेन को इनके पैर छूते हुए भी देखा गया है.
चंपई सोरेन का राजनीतिक सफर
सन् 1991 में पहली बार चंपई सोरेन ने उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. यहां उन्होंने कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था. इसके बाद 1995 में झामुमो के टिकट पर चंपई ने जीत हासिल की, लेकिन फिर 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गए थे. इसके बाद वह 2005 से लगातार सरायकेला से विधायक हैं और 2019 में बीजेपी के गणेश महाली को हराया.