नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) [JDU] ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को बड़ा झटका देते हुए अपना समर्थन वापस ले लिया है। जेडीयू के इस कदम के बाद पार्टी के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष में बैठेंगे। यह फैसला जेडीयू के राजनीतिक रुख में बदलाव का प्रतीक है।
2022 के चुनाव के बाद बदले समीकरण
जेडीयू ने मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में छह सीटें जीती थीं। लेकिन चुनाव के कुछ महीनों बाद, पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए, जिससे जेडीयू के पास अब केवल एक विधायक बचा। फिलहाल मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के 37 विधायक हैं और उन्हें नागा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे सरकार को स्थिर बहुमत हासिल है।
जेडीयू ने क्या कहा?
पार्टी की मणिपुर इकाई के प्रमुख क्षेत्रमयुम बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर यह घोषणा की। पत्र में बताया गया कि जेडीयू अब इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनने के बाद बीजेपी से समर्थन वापस ले रही है। जेडीयू ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2022 के चुनाव में उनके पांच विधायकों का बीजेपी में शामिल होना संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर के न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है।
राजनीतिक महत्व
हालांकि, जेडीयू के इस फैसले से मणिपुर की बीजेपी सरकार की स्थिरता पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह कदम राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। जेडीयू का यह निर्णय केंद्र और बिहार में बीजेपी से अलग होने के संकेत देता है।
जेडीयू का संदेश
इस फैसले ने पार्टी की ओर से यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अपने राजनीतिक रुख में बदलाव कर रही है और क्षेत्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाए रखने की कोशिश में है। मणिपुर में जेडीयू के इस कदम के बाद राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है।