पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह आज अमृतसर पहुंचे और वहां उन्होंने अकाल तख्त के जत्थेदार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
ज्ञानी रंजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने 22 अक्टूबर 2022 को पत्र के माध्यम से जांच रिपोर्ट की मांग की थी, जिसमें अनुरोध किया गया था कि जब जांच पूरी हो जाए तो उसे अकाल तख्त पर भेजा जाए। लेकिन वहां की कमेटी ने रिपोर्ट को भेजने में असफलता दिखाई और अकाल तख्त के आदेशों का उल्लंघन किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें उस कमेटी से न्याय की उम्मीद नहीं है। इस बैठक के दौरान उन्होंने ज्ञानी इकबाल सिंह के बारे में भी बात की, जिनकी तीन पत्नियां हैं। ज्ञानी रंजीत सिंह ने यह भी कहा कि ज्ञानी इकबाल सिंह को तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब में स्थापित करने का निर्णय खुद खालसा पंथ को लेना चाहिए।
इसके अलावा, ज्ञानी रंजीत सिंह ने जत्थेदार अकाल तख्त को सारे सबूत सौंपने की बात भी कही। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि डॉक्टर समरा के खिलाफ पहले ही 40 मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जत्थेदारी का मामला एक बार फिर पंथ के हाथ में आएगा।
इस मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि पटना साहिब के जत्थेदार अपनी बातों को उच्चतम स्तर पर ले जाकर खालसा पंथ के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।