जयपुर: राजस्थान की महिला IPS अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही, अवैध बजरी खनन, और शराब तस्करी के मामलों में सख्ती बरत रही हैं। इसी क्रम में सवाई माधोपुर की एसपी ममता गुप्ता और डूंगरपुर की एसपी मोनिका सैन ने एक ही दिन में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इन पुलिसकर्मियों में एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल है।
शराब तस्करों से रिश्वत लेने का मामला:
डूंगरपुर के वैजा चौकी पर तैनात कांस्टेबल मनोहरलाल और सरोदा थाने के कांस्टेबल विपेंद्र सिंह पर चार दिन पहले शराब से भरी गाड़ी को रोकने के बाद तस्करों से रिश्वत लेने का आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने गाड़ी छोड़ने के बदले दो लाख रुपए की मांग की, जिसमें एक लाख नकद और एक लाख रुपए एक परिचित के खाते में ट्रांसफर कराए गए।
गोपनीय जांच में दोषी पाए गए:
एसपी मोनिका सैन ने बताया कि शिकायत मिलने पर गोपनीय जांच कराई गई, जिसमें दोनों पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच का जिम्मा सीओ सागवाड़ा को सौंपा गया है।
लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम:
महिला आईपीएस अधिकारियों का यह सख्त रवैया दिखाता है कि वे किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगी। राजस्थान पुलिस में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है।