श्री गंगानगर जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को पूर्व अनूपगढ़ जिले की मंडियां बंद रहीं। समिति ने राजस्थान सरकार के निर्णय के खिलाफ अनूपगढ़ जिले की बहाली की मांग को लेकर यह बंद आयोजित किया।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई ने बताया कि बंद को अनूपगढ़, घडसाना, रामसिंहपुर, श्रीविजयनगर, रावला, और 365 हेड सहित अन्य मंडियों का समर्थन मिला।
बंद के दौरान अनूपगढ़ जिले को दोबारा स्थापित करने की मांग उठाई गई और भविष्य में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की गई।
भाजपाई भी प्रयासरत
अनूपगढ़ को पुनः जिला घोषित कराने के लिए भाजपा नेता भी सक्रिय हैं।
भाजपा नेता सतपाल मुंजाल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर नेताओं ने मुख्यमंत्री तक जनता की भावनाएं पहुंचाने की कोशिश की है।
बंद का व्यापक समर्थन
कृषि जिंसों की बोली नहीं लगी।
पेट्रोल पंप सुबह 9 से 12 बजे तक बंद रहे।
व्यापार मंडल और सब्जी मंडी ने भी बंद का समर्थन किया।
व्यापार मंडल अध्यक्ष विजय नागपाल और कोषाध्यक्ष शंकर स्वामी ने सरकार से अनूपगढ़ जिले की बहाली का आग्रह किया।
रावला मंडी पूरी तरह बंद
रावला मंडी में भी बंद को पूर्ण समर्थन मिला।
संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेश गौड़ और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि दोपहर में अंबेडकर पार्क में बैठक हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने भाजपा पर जनता का अपमान करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने पर अनूपगढ़ को पुनः जिला बनाएगी।
हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या खाजूवाला और छत्तरगढ़ को अनूपगढ़ में जोड़ा जाएगा, तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
रेल सेवाओं का मुद्दा भी उठा
पूर्व मंत्री ने अनूपगढ़ में रेल सेवा चालू न होने पर भाजपा और सांसद अर्जुन मेघवाल पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “20 वर्षों से रेल चलाने के वादे किए जा रहे हैं, लेकिन आज तक कोई प्रगति नहीं हुई।”
मीडिया विवाद
प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया कर्मियों और पूर्व मंत्री के बीच विवाद हुआ। इस कारण अधिकांश मीडियाकर्मी प्रेस वार्ता बीच में ही छोड़कर चले गए।
अनूपगढ़ जिले को बहाल करने की मांग ने प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज कर दी है।
सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, जबकि बंद के जरिए जनता ने अपनी एकजुटता दिखाने का प्रयास किया है।