Jaipur news: खाद्य सुरक्षा योजना में परिवार की आय एक लाख सालाना से ज्यादा होने पर राशन सामग्री से वंचित करने के प्रावधान से कई जरूरतमंद परिवारों का सरकारी राशन छिनने की नौबत आ गई

जयपुर: खाद्य सुरक्षा योजना में सरकार द्वारा एक लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले परिवारों को राशन सामग्री से वंचित करने का नया प्रावधान कई जरूरतमंद परिवारों के लिए संकट का कारण बन गया है। राशन डीलर और विभागीय अधिकारियों के दबाव में उपभोक्ताओं को “गिव अप” फार्म भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसके कारण 85 फीसदी जरूरतमंद उपभोक्ताओं को राशन सामग्री से वंचित होना पड़ा है। अजमेर जिले में बड़ी संख्या में ऐसे जरूरतमंद उपभोक्ता इस आय सीमा के दायरे में आते हैं। हालांकि, इस मामले में जिला रसद अधिकारियों ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है।

सौ फीसदी नहीं मिली कामयाबी:
खाद्य सुरक्षा योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ती दरों पर राशन मुहैया कराना था, लेकिन सरकारी लापरवाही और अनदेखी के कारण बड़ी संख्या में सक्षम परिवार भी इसका लाभ उठाने लगे। पिछले तीन साल में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने केंद्र और राज्य कर्मचारियों को योजना से बाहर करने की कोशिश की, लेकिन इस प्रयास में पूरी सफलता नहीं मिल सकी, जिसके कारण योजना में प्रदेश को मिलने वाले गेहूं के आवंटन का गणित गड़बड़ा गया।

300 रुपए कमाने वाला भी बाहर:
राज्य सरकार के “गिव अप” अभियान में दिहाड़ी मजदूरी में रोज 300 रुपए कमाने वाले व्यक्ति को भी खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर कर दिया जाएगा। इसमें दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी संचालक, ऑटो रिक्शा चालक समेत अकुशल और कुशल श्रमिक भी शामिल हैं।

प्रदेश में घटे 11 लाख यूनिट:
पड़ताल में यह सामने आया कि राज्य सरकार के “गिव अप” अभियान और अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई के परिणामस्वरूप राज्य में 11 लाख यूनिट (उपभोक्ता) योजना से बाहर हो चुके हैं। अजमेर और ब्यावर जिले में करीब 1200-1200 राशन कार्ड से 5-5 हजार यूनिट कम हो चुके हैं।

यह हैं सरकारी प्रावधान:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट में आयकरदाता, एक लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले परिवार, प्राइवेट चौपहिया वाहन के मालिक, और सरकारी, अर्द्ध सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत व्यक्ति को राशन सामग्री लेने का पात्र नहीं माना जाता। ऐसे अपात्र लाभार्थियों को 31 जनवरी तक “गिव अप” फार्म भरना अनिवार्य है।

गरीब तबके को किया वंचित:
क्रांति सेना समिति के प्रमुख लोकेश सिंह चौहान के अनुसार, श्रम विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक अकुशल श्रमिक को 285 रुपए, अर्द्धकुशल को 330 और कुशल श्रमिक को 385 रुपए प्रतिदिन पारिश्रमिक मिलता है। ऐसे में अकुशल श्रमिक की सालाना आय एक लाख 2600, अर्द्धकुशल की एक लाख 18 हजार 800 और कुशल श्रमिक की एक लाख 38 हजार 600 रुपए बनती है, जबकि खाद्य विभाग के आदेशों के अनुसार एक लाख रुपए आय वाले लाभार्थियों का राशन बंद कर दिया गया है।

केस संख्या -1:
कोटड़ा वार्ड संख्या एक निवासी विनोद (बदला हुआ नाम), जो ऑटो रिक्शा चालक हैं, का परिवार खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ा हुआ है। परिवार की आय एक लाख 8 हजार है, जिससे राशन डीलर उन्हें “गिव अप” फार्म भरवाने पर जोर दे रहे हैं।

केस संख्या -2:
अलवरगेट जादूघर बस्ती निवासी रेवंती देवी (बदला हुआ नाम), जो दिहाड़ी मजदूरी से परिवार का पालन-पोषण करती हैं, का परिवार रोजाना 500 रुपए कमाता है, जिससे उनकी सालाना आय एक लाख से डेढ़ लाख तक हो जाती है। हालांकि, 6 सदस्यीय परिवार राशन पर निर्भर है, लेकिन आय सीमा एक लाख पार होने से राशन संकट का सामना करना पड़ रहा है।

आय सीमा बढ़ाने के लिए जयपुर मुख्यालय को कराया गया अवगत:

“गिव अप” अभियान के तहत एक लाख रुपए की आय सीमा में रोज 300 रुपए कमाने वाला व्यक्ति भी बाहर हो जाएगा। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग योजना से बाहर हो जाएंगे। आय सीमा बढ़ाने के लिए जयपुर मुख्यालय को अवगत कराया गया है।

अब्दुल सादिक, डीएसओ ब्यावर
मुख्यालय से दिशा निर्देश मांगे:

सालाना एक लाख आय के संबंध में दिशा निर्देश मांगे गए हैं। अब तक करीब 1200 राशन कार्डधारी “गिव अप” कर चुके हैं। सक्षम व्यक्ति 30 जनवरी तक गिव-अप फार्म भरकर कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं। -नीरज जैन, डीएसओ अजमेर

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