प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मछुआरों के कल्याण के लिए 20,050 करोड़ रुपये का निवेश

नई दिल्ली: भारत में मात्स्यिकी क्षेत्र के स्थायी और जिम्मेदार विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) का कार्यान्वयन किया जा रहा है, जिसमें 20,050 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यह योजना मछुआरों और मत्स्य किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों की परिकल्पना करती है, जिससे नीली क्रांति (ब्लू रेवोल्यूशन) लाने का उद्देश्य है।

वेस्सल कम्युनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम की स्वीकृति
पीएमएमएसवाई योजना के तहत, वेस्सल कम्युनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम के नेशनल रोलआउट प्लान को स्वीकृति दी गई है, जिसमें 364.00 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,00,000 फिशिंग वेसल्स पर ट्रांसपोंडर की स्थापना की जाएगी। इस प्रणाली के माध्यम से नाव मालिकों को निःशुल्क ट्रांसपोंडर दिया जाएगा, जो टू-वे कम्युनिकेशन की सुविधा प्रदान करेगा और आपात स्थिति के दौरान छोटे टेक्स्ट मैसेज भेजने की सुविधा देगा। यह मछुआरों को समुद्री सीमा के पास आने या उसे पार करने पर अलर्ट भी करेगा।

अन्य प्रमुख गतिविधियाँ
इस योजना के तहत, कुछ अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियाँ भी शामिल हैं:

  1. इंटीग्रेटेड कोस्टल फिशिंग विलेज़ का विकास – इस पहल का उद्देश्य पर्यावरणीय नुकसान को कम करते हुए तटीय मछुआरों को आर्थिक और सामाजिक लाभ प्रदान करना है।
  2. बीमा लाभ – आकस्मिक मृत्यु, स्थायी शारीरिक अक्षमता, और अस्पताल में भर्ती होने पर मछुआरों को बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा।
  3. आजिविका और पोषण सहायता – 18 से 60 वर्ष आयु समूह के पारंपरिक मछुआरों के परिवारों को मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के दौरान आजीविका और पोषण सहायता प्रदान की जाएगी।

एफएफपीओ का गठन और किसान क्रेडिट कार्ड
पीएमएमएसवाई के तहत, मछुआरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी बारगैनिंग पावर बढ़ाने के लिए मत्स्य किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) की स्थापना की जाएगी। अब तक 544.85 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर 2195 एफएफपीओ की स्थापना की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिसके तहत अब तक 4,50,799 केसीसी कार्ड स्वीकृत किए गए हैं।

यह जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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