गोंडा: गोंडा जिला प्रशासन ने स्वच्छता और ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के लिए एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। “स्वच्छ गांव, समृद्ध गोंडा” अभियान के तहत, जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छता व्यवस्थाओं और विकास परियोजनाओं की डिजिटल निगरानी की व्यवस्था की गई है। यह अभियान गोंडा के जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर शुरू किया गया है और इसकी शुरुआत सोमवार से सभी ब्लॉकों में हो चुकी है।
प्रत्येक दिन होगी लाइव समीक्षा
मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत प्रतिदिन सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायत भवन, सार्वजनिक शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय और अन्य सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।
इस समीक्षा प्रक्रिया में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ-साथ खंड विकास अधिकारी, पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान भी अपनी-अपनी क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति लाइव वीडियो कॉल या तस्वीरों के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे।
तकनीकी आधार पर पारदर्शी निगरानी
यह अभियान सिर्फ स्वच्छता की निगरानी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ग्राम पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्टिंग भी की जाएगी। अधिकारीगण कार्यों की भौतिक प्रगति से जिला मुख्यालय को तत्काल अवगत कराएंगे, जिससे विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
ग्रामीणों को मिलेगा सीधा लाभ
इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और विकास के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, वहीं प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुदृढ़ होगी। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि यह प्रणाली ग्राम स्तर पर स्वच्छता के मानकों को सुधारने के साथ-साथ विकास कार्यों की सतत निगरानी सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।
जिलाधिकारी का स्पष्ट निर्देश — गुणवत्ता हो सर्वोपरि
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस अभियान की क्रियान्वयन प्रक्रिया न केवल प्रभावी हो, बल्कि उद्देश्यपरक भी हो। उन्होंने कहा कि इस नवाचार का मुख्य उद्देश्य ग्राम्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है और इसके लिए सभी विभागीय अधिकारी पूरी निष्ठा और गंभीरता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें।