नई दिल्ली: मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार 2024 का अंत सकारात्मक रूप से करेगा। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि निफ्टी में साल 2024 के अंत तक 13% की बढ़त देखने को मिल सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह लगातार नौवां साल होगा जब भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक बढ़त दर्ज की जाएगी।
2024 की पहली छमाही रही मजबूत
2024 की पहली छमाही में मजबूत कॉर्पोरेट आय, घरेलू निवेश में बढ़ोतरी और एक मजबूत मैक्रो-इकोनॉमिक माहौल ने बाजार को ऊंचाई तक पहुंचाया। निफ्टी ने सितंबर में 26,277 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर को छुआ। इसके अलावा, वैश्विक भू-राजनीतिक संकट, आम चुनाव और भारत का बजट जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बावजूद बाजार में मजबूत खरीदारी का रुझान देखा गया।
बाजार के लिए अगला साल होगा चुनौतीपूर्ण
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2025 की पहली छमाही में बाजार में कुछ ठहराव देखने को मिल सकता है, लेकिन दूसरी छमाही में सुधार की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, पिछले दो महीनों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण बाजार अपने उच्चतम स्तर से 11% नीचे आ चुका है। इस बीच, घरेलू और वैश्विक कारकों का मिश्रित प्रभाव जारी रहेगा, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं।
ग्लोबल और घरेलू घटनाओं का असर
भारतीय शेयर बाजार में आगे आने वाले महीनों में वैश्विक और घरेलू आर्थिक घटनाओं के कारण अस्थिरता देखने को मिल सकती है। फरवरी में आरबीआई द्वारा दरों में कटौती की संभावना, अमेरिका में दर कटौती की उम्मीद और डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद व्यापार नीति में बदलाव से बाजार में हलचल हो सकती है। साथ ही, भारत के केंद्रीय बजट से भी बाजार को अहम संकेत मिल सकते हैं।
आर्थिक सुधार की उम्मीदें बरकरार
हालांकि, दीर्घकालिक विकास के नजरिए से भारतीय बाजार को लेकर सकारात्मक रुझान बना हुआ है। ग्रामीण खर्च, शादियों के मौसम में तेजी और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी के कारण वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में आय में सुधार का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-27 के दौरान आय में 16% की वार्षिक वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही, कॉरपोरेट इंडिया की मजबूत बैलेंस शीट और विकास की संभावनाएं दीर्घकालिक रुझान के लिए सकारात्मक संकेत देती हैं।
निष्कर्ष
गौरतलब है कि 2024 का अंत भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छे परिणामों का संकेत है, लेकिन 2025 में कुछ उतार-चढ़ाव की संभावना है। आने वाले महीनों में बाजार के लिए मिश्रित स्थितियाँ हो सकती हैं, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण में सकारात्मक वृद्धि के संकेत हैं।