भारत-पाकिस्तान: 77 सालों बाद आर्थिक तुलना में पाकिस्तान क्यों पीछे छूटा?

नई दिल्ली: आजादी के 77 साल बाद भारत और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में भारी अंतर देखने को मिलता है। 1947 में अंग्रेजी शासन से आजादी मिलने के बाद, दोनों देशों ने लगभग समान परिस्थितियों में अपनी विकास यात्रा शुरू की थी। लेकिन धर्म के आधार पर बने पाकिस्तान ने मजहबी कट्टरपंथ को अपनाया, जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी।

बजट का अंतर
भारत ने अपनी आजादी के बाद पहला बजट 171.15 करोड़ रुपये का पेश किया था, जो अब जुलाई 2024 तक बढ़कर 48 लाख 20 हजार 512 करोड़ रुपये हो चुका है। वहीं, पाकिस्तान का वित्त वर्ष 2024-25 का बजट 18,877 अरब पाकिस्तानी रुपये (PKR) था। वर्तमान में 1 भारतीय रुपया पाकिस्तान के 3.22 PKR के बराबर है।

आईएमएफ और मदद पर निर्भर पाकिस्तान
आज पाकिस्तान की स्थिति इतनी खराब है कि अगर उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), चीन और सऊदी अरब से मदद न मिले, तो देश को चलाना मुश्किल हो जाएगा।

भारत-पाकिस्तान की जीडीपी में बड़ा अंतर
भारत की जीडीपी:
आजादी के समय भारत की जीडीपी लगभग 2.33 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 3.39 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 294 लाख करोड़ रुपये) हो चुकी है।
पाकिस्तान की जीडीपी:
पाकिस्तान की आजादी के समय जीडीपी लगभग 26 हजार करोड़ रुपये थी, जो अब 375 अरब डॉलर तक ही पहुंच पाई है।
भारत की जीडीपी पाकिस्तान से लगभग 10 गुना अधिक है, जो भारत के तेज विकास और पाकिस्तान की स्थिरता में कमी को दर्शाता है।

खर्च की तुलना
भारत का बजट (2024-25):
शिक्षा पर: ₹1.20 लाख करोड़
स्वास्थ्य पर: ₹87 हजार करोड़
रक्षा पर: ₹6.22 लाख करोड़
पाकिस्तान का बजट:
शिक्षा पर (2022): 1,101 अरब PKR
स्वास्थ्य पर: 24.21 अरब PKR
रक्षा पर: 1,10,000 करोड़ PKR
पाकिस्तान की खराब आर्थिक स्थिति के कारण
मजहबी कट्टरपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा
आर्थिक नीतियों की अस्थिरता
भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता
अंतरराष्ट्रीय कर्ज पर अत्यधिक निर्भरता
भारत का वैश्विक प्रभाव
भारत ने आर्थिक सुधार, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी विकास के जरिए दुनिया में अपनी छवि मजबूत की। वहीं, पाकिस्तान अपनी आंतरिक समस्याओं और कट्टरपंथ के चलते पिछड़ गया।

आजादी के 77 साल बाद भारत ने हर क्षेत्र में अपनी साख मजबूत की है, जबकि पाकिस्तान अपनी नीतियों और कट्टरपंथी सोच के कारण पिछड़ता चला गया। यह अंतर न केवल आर्थिक आंकड़ों में बल्कि वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की छवि में भी साफ झलकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.