नई दिल्ली: भारत सरकार ने चीन से आयात होने वाले 4 प्रमुख उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने का फैसला लिया है। ये उत्पाद हैं: वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क, सॉफ्ट फेराइट कोर, ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड और एल्युमीनियम फॉयल। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई, डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) की सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया गया है।
सरकार का यह कदम घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। चीन इन उत्पादों को भारत में अत्यंत कम कीमतों पर बेच रहा था, जिसके कारण भारतीय उत्पादकों को प्रतिस्पर्धा में नुकसान हो रहा था। अब इन उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाए जाने से चीन से आयात होने वाली वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे भारतीय उद्योगों को राहत मिलेगी।
क्या है डंपिंग और एंटी-डंपिंग शुल्क?
डंपिंग: डंपिंग का मतलब है कि कोई देश अपने उत्पादों को दूसरे देश में उनके वास्तविक बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचता है। इससे प्रभावित देश की घरेलू कंपनियों को नुकसान होता है।
डंपिंग-रोधी शुल्क: जब कोई देश अपने उत्पादों को उनके उचित बाजार मूल्य से कम कीमत पर निर्यात करता है और इससे दूसरे देश के घरेलू उद्योगों को नुकसान होता है, तो प्रभावित देश उस उत्पाद पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगा सकता है। इस शुल्क का उद्देश्य घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाना और उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने का अवसर देना होता है।
चीन के चार उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क:
वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क
सॉफ्ट फेराइट कोर
ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड
एल्युमीनियम फॉयल
इन उत्पादों पर पाँच साल के लिए एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया जाएगा, जबकि एल्युमीनियम फॉयल पर यह शुल्क अस्थायी रूप से छह महीने के लिए लागू होगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने इस निर्णय से संबंधित अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी किए हैं, जिसमें डंपिंग रोधी शुल्क की मियाद और शर्तों को स्पष्ट किया गया है।
भारत की कार्रवाई विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत:
भारत की यह कार्रवाई WTO (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के अनुसार की गई है। डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार, यदि कोई देश डंपिंग करता है, यानी अपने उत्पादों को दूसरे देश में बेहद सस्ते दामों पर बेचता है, तो प्रभावित देश इस पर एंटी-डंपिंग टैक्स लगा सकता है।
भारत सरकार ने यह कदम घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात के नुकसान से बचाने और उन्हें प्रतिस्पर्धा में ताकत देने के लिए उठाया है। एंटी-डंपिंग शुल्क के लागू होने से घरेलू उत्पादकों को राहत मिलेगी और चीन से आयातित उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होगी। इस निर्णय का असर भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योगों पर महत्वपूर्ण पड़ेगा।