आज मोदीनगर में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष देववृत धामा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विधानसभा से मेरठ की सरधना सीट के विधायक अतुल प्रधान के तानाशाहीपूर्ण और असंवैधानिक निष्कासन के विरोध में एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन स्पीकर सतीश महाना के नाम उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति में तहसीलदार को सौंपा गया।
विधायक के निष्कासन का मुद्दा
ज्ञात हो कि विधायक अतुल प्रधान ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर विधानसभा में अपनी बात रखी थी। इसी दौरान उनकी तीखी बहस स्वास्थ्य मंत्री मयंकश्वर शरण सिंह से हुई, जिसके बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया।
समाजवादी नेताओं का कहना है कि अतुल प्रधान जी ने जनता की आवाज बनकर सदन में विचार रखा, लेकिन योगी सरकार ने उनकी आवाज दबाने के लिए यह तानाशाही कदम उठाया। सरकार की यह कार्रवाई यह साबित करती है कि वह जनता और गरीबों की आवाज को दबाने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकती है।
आंदोलन की चेतावनी और कैंडल मार्च का आह्वान
निष्कासन के विरोध में समाजवादी नेताओं ने एसडीएम कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि अगर यह कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे। देववृत धामा ने रविवार शाम गोविंदपुरी से मोदीनगर तक विधायक अतुल प्रधान के समर्थन में कैंडल मार्च निकालने का आह्वान किया है।
प्रमुख नेता रहे उपस्थित
इस विरोध प्रदर्शन में सभासद प्रदीप शर्मा, मंजीत नेहरा, दिनुखान, प्रदीप कुमार सीकेडा, अभिषेक खन्ना, सुनील शर्मा, सुनील बबलू, रिजवान कस्सार, विपिन गुर्जर दौसा, शोएब मलिक, बॉबी, विक्रांत, सन्नी, दिन मोहम्मद, बादल, मुनीश आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
समाजवादी पार्टी ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कदम बताया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।