मोदीनगर मौहम्मदपुर कदीम में प्रधान पति के हौंसले बुलंद, गरीब लोगों के पट्टो पर कब्जा कर किया अवैध निर्माण
अब किसानों की खेत की जमीन पर भी कर रहा कब्जा प्रशासन मौन
मोदीनगर। मोदीनगर तहसील क्षेत्र के ग्राम मौहम्मदपुर कदीम में सरकारी भूमि पर ग्राम समिति द्वारा पटटे आवंटित होने के बावजूद, वर्तमान ग्राम प्रधान व प्रधान पति व उसके भाई द्वारा, दबंगई करके अवैध निर्माण कर लिया गया है।
खसरा संख्या 120 स्थित ग्राम मौहम्मदपुर कददीम में सन 1975 को, भूमि प्रबंधन समिति ग्राम सभा ने प्रस्ताव पारित कर भूमिहीन गरीब मजदूरो के लिये 100-100 वर्ग गज के पटटे आवंटित किये थे। जिसका अनुमोदन तत्कालीन SDO ने किया था।
प्रधानपति धर्मेन्द्र त्यागी पुत्र श्रीनिवास त्यागी व उसका भाई नरेन्द्र त्यागी पुत्र श्रीनिवास त्यागी दोनो, ग्राम मौहम्मदपुर कददीम में दबंगई करते हुए,आवंटित पटटो की भूमि पर तेजी से अवैध निर्माण कर रहे है। तथा पट्टा धारकों के लाख समझाने पर भी प्रधानपति व उसका भाई पट्टा धारकों को जान से मारने की धमकीयां देता है।
और यह कह कर लोगों को धमकाता है। कि उसका सम्बन्ध वर्तमान प्रशानिक / पुलिस अधिकारियों जिनमें लेखपाल तहसीलदार व एस०डी०एम० आदि से है।
और इसी धोंस के आधार पर बिना रूकावट निर्माण कर रहा है।
इस मामले से सम्बन्धित एक अपील, मान्य उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाई कोर्ट मे दिनांक 24.01.2023 में अनवर एवं अन्य बनाम रामनिवास व अन्य के नाम से दाखिल की गयी है। जिस पर शीघ्र सुनवाई होनी है। सरकारी भूमि पर काटे गये पटटो पर ग्राम प्रधान पति व उसके भाई द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माण को तत्काल रूप से रूकवाये जाने का आदेश पारित किया जाने की अपील की है। तथा गरीब परिवारो ने अपने हितो की रक्षा करने की गुहार लगाई है।
इतना ही नहीं ग्राम प्रधान के पति के हौंसले अब इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब शासन प्रशासन से साठ गांठ कर अब 112 के बुजुर्ग रामनाथ के खेत पर ही कब्जा करने को उतारू है। और इस पूरे काले कारनामे में पटवारी रितू प्रधान पति का पूरा साथ दे रही है।
हालांकि इन सब की शिकायत आलाधिकारियों से लगातार की जा रही है और मीडिया के द्वारा भी अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। लेकिन जिला गाजियाबाद शासन प्रशासन ना तो प्रधान पति को कब्जा करने से रोक पा रहे हैं और ना महा भ्रष्ट पटवारी पर ही कोई कार्यवाही की जा रही है।
पीड़ित किसान व गरीब लोग जाएंगे तो जाए कहाँ अपनी फरियाद सुनाने के लिए।