प्रयागराज महाकुंभ में ‘IIT बाबा’ अभय सिंह बने चर्चा का केंद्र, पिता ने की घर लौटने की अपील

प्रयागराज – महाकुंभ मेले में हर किसी का ध्यान खींचने वाले ‘IIT बाबा’ अभय सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं। पूर्व एयरोस्पेस इंजीनियर से संन्यासी बने अभय सिंह का नाम न केवल उनके अतीत बल्कि उनकी अनोखी यात्रा के कारण चर्चा में है। हरियाणा के झज्जर जिले के निवासी अभय के पिता करण ग्रेवाल, जो पेशे से वकील हैं, ने अब अपने बेटे को घर लौटने की अपील की है।

छह महीने पहले तक पिता से था संपर्क
एनडीटीवी से बातचीत में करण ग्रेवाल ने बताया कि अभय पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रहे हैं। IIT बॉम्बे से स्नातक करने के बाद उन्होंने डिज़ाइन में मास्टर डिग्री हासिल की और नई दिल्ली और कनाडा में काम किया। हालांकि, कनाडा छोड़कर अभय भारत लौट आए और शिमला, मसूरी व धर्मशाला जैसे स्थानों पर समय बिताने के बाद उन्होंने संन्यास का रास्ता चुना।

करण ग्रेवाल ने कहा, “अभय अध्यात्म में शुरू से रुचि रखते थे। लेकिन अब उन्होंने मुझसे और परिवार से सभी संपर्क तोड़ लिए हैं। छह महीने पहले तक वह बात करते थे, लेकिन अब उन्होंने मुझे सभी प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक कर दिया है।”

मां-बाप चाहते हैं कि अभय घर लौटें
करण ग्रेवाल ने बताया कि अभय की मां ने उनसे वापस आने और परिवार की देखभाल करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि संन्यासी बनने के बाद अब यह संभव नहीं है। पिता ने कहा, “अभय ने जो निर्णय लिया है, वह उनका खुद का है। हर किसी को अपने जीवन के फैसले लेने का अधिकार है, और मैं उन पर दबाव नहीं डाल सकता।”

‘IIT बाबा’ का संन्यास लेने का कारण
अभय सिंह ने अपने जीवन में संन्यास का निर्णय घरेलू अनुभवों और बचपन के आघात के चलते लिया। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता के बीच झगड़े ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला। बचपन में इन घटनाओं ने उन्हें आंतरिक शांति की तलाश में आध्यात्मिकता की ओर मोड़ दिया।

‘IIT बाबा’ ने कहा, “मैंने एक शांत और एकांत जीवन चुना, क्योंकि मेरे माता-पिता के झगड़ों ने मुझे शादी न करने का फैसला लेने के लिए प्रेरित किया।”

वायरल हो रहा है ‘IIT बाबा’ का संदेश
महाकुंभ मेले में ‘IIT बाबा’ के अध्यात्म और जीवन दर्शन को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं। हालांकि, उनके पिता का मानना है कि वह एक बार फिर अपने बेटे से मिलने की कोशिश करेंगे, लेकिन इस बात को लेकर वह आश्वस्त नहीं हैं कि अभय उनके अनुरोध को मानेंगे।

करण ग्रेवाल ने कहा, “अभय का निर्णय उनके साहस और दृढ़ता को दिखाता है। लेकिन एक पिता के रूप में मैं चाहता हूं कि वह घर वापस आएं।”

‘IIT बाबा’ का यह सफर आध्यात्मिकता और पारिवारिक भावनाओं के बीच एक अनोखी कहानी बन चुका है, जो हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रहा है।

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