छात्र हित में जेल जाना पड़े तो जाऊंगा, लेकिन बीपीएससी से माफी नहीं मांगूंगा: गुरु रहमान

पटना: बिहार के गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा और रोजगार के लिए समर्पित माने जाने वाले गुरु रहमान ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में ‘नॉर्मलाइजेशन’ के विरोध पर की गई टिप्पणियों को लेकर आयोग द्वारा भेजी गई लीगल नोटिस पर कड़ा रुख अपनाया है।

गुरु रहमान ने कहा, “छात्र हित में यदि मुझे जेल भी जाना पड़े, तो मैं जाऊंगा, लेकिन बीपीएससी से माफी नहीं मांगूंगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीपीएससी के अध्यक्ष और सचिव ने छात्रों के साथ किए वादों को निभाने में कोताही बरती है।

नॉर्मलाइजेशन का विरोध और परीक्षा रद्द करने की मांग
गुरु रहमान ने बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को पूरी तरह रद्द कर दुबारा परीक्षा कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि “नॉर्मलाइजेशन” का विरोध छात्रों के हित में था और वह इस मुद्दे पर लगातार मुखर रहेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीपीएससी अध्यक्ष मुन भाई परमार और सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने छात्रों से संवाद करने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने इसे निभाया नहीं। 15 नवंबर 2024 को छात्रों से बातचीत के लिए बुलाई गई बैठक को टाल दिया गया।

बीपीएससी की ओर से लीगल नोटिस
बीपीएससी ने गुरु रहमान को लीगल नोटिस भेजकर आरोप लगाया कि उन्होंने नॉर्मलाइजेशन को लेकर अफवाह फैलाकर छात्रों को गुमराह किया और आयोग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।

नोटिस में कहा गया, “आपने बीपीएससी और उसके अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश की।” आयोग ने 15 दिनों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।

गुरु रहमान का जवाब
गुरु रहमान ने कहा, “मैंने कभी भी आयोग के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी नहीं की। मेरी लड़ाई केवल छात्रों के अधिकारों और उनके भविष्य के लिए है। आयोग ने यदि मुझ पर लीगल नोटिस भेजा है, तो मैं इसका जवाब दूंगा, लेकिन माफी नहीं मांगूंगा।”

छात्रों के लिए संघर्ष जारी रहेगा
गुरु रहमान ने स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष छात्रों के अधिकारों के लिए है और वह किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने छात्रों से भी एकजुट होकर उनके साथ खड़े रहने की अपील की।

यह मामला बिहार के शैक्षणिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आने वाले दिनों में इस पर और बहस होने की संभावना है।

 

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