ग़ुस्ताखी माफ़ हरियाणा: पवन कुमार बंसल

"ठूँग ही तो मारनी हैं": सीएम ओमप्रकाश चौटाला से जुड़ा दिलचस्प क़िस्सा

ग़ुस्ताखी माफ़ हरियाणा: पवन कुमार बंसल

“ठूँग ही तो मारनी हैं”: सीएम ओमप्रकाश चौटाला से जुड़ा दिलचस्प क़िस्सा

हरियाणवी नेताओं के दिलचस्प क़िस्से: पवन कुमार बंसल की आने वाली किताब से…

रोहतक के एक मजेदार वाक़िये से लेकर चौटाला साहिब के बड़प्पन तक

पवन कुमार बंसल की आगामी किताब “हरियाणवी लालों के सबरंगे क़िस्से” में हरियाणा के राजनीति और समाज से जुड़े कुछ अनोखे और दिलचस्प क़िस्से होंगे। एक क़िस्सा जो आज भी चर्चा का विषय है, वह है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने एक बूढ़े वर्कर की दरखास्त पर बिना पढ़े ही दस्तखत कर दिए थे। यह क़िस्सा करीब 24 साल पुराना है, जब चौटाला जी सीएम थे और एक वर्कर ने उनसे कहा, “ठूँग तो मारनी है, मार दे, पड़ क्या रहा है?” दरअसल, “ठूँग मारना” हरियाणवी में बिना सोचे समझे दस्तखत करने का एक स्थानीय तरीका है, और चौटाला साहिब ने बिना कोई संकोच किए उसी वक़्त दस्तखत कर दिए।

इसके अलावा, एक और दिलचस्प वाक़या है जब चौटाला साहिब झज्जर में अपने समर्थक विधायक दरियाव सिंह राजोरा के घर जा रहे थे। इस दौरान एक वर्कर ने उनसे पूछा, “आप मुझे पहचानते हो?” और जब चौटाला साहिब ने हाँ कहा, तो वर्कर ने नाम बताने को कहा, जिससे चौटाला साहिब थोड़े असमंजस में पड़ गए। इस वाक़ये को रोहतक के सांसद कप्तान इंद्रसिंह ने बड़ी समझदारी से सुलझाया।

भजनलाल के समय में एक और क़िस्सा है जब उन्होंने ओमप्रकाश जिंदल के खिलाफ टाडा में मुकदमा दर्ज कराया था। चौटाला साहिब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें कभी भी किसी विरोधी के खिलाफ टाडा नहीं लगाना पड़ा, और लेखक ने इस पर टिप्पणी की, “आपका नाम ही टाडा था”, जिससे चौटाला साहिब ने किसी प्रकार की नाराजगी नहीं दिखाई और इसे बड़े दिल से लिया।

“हरियाणवी लालों के सबरंगे क़िस्से” से जुड़ी यादें और राजनीति

पवन कुमार बंसल की किताब “हरियाणवी लालों के सबरंगे क़िस्से” में न सिर्फ राजनीति से जुड़े मजेदार क़िस्से हैं, बल्कि उन नेताओं के बड़प्पन, जिंदादिली और मस्ती भरे अंदाज को भी दर्शाया गया है। यह किताब अपने पाठकों को हरियाणा की राजनीति और नेताओं के मानवीय पहलुओं से परिचित कराएगी। इस किताब की सिल्वर जुबली के मौके पर, बंसल जी पाठकों से भी अनुरोध करते हैं कि वे अपने क़िस्से भी साझा करें, जिससे इस संग्रह में और भी दिलचस्प घटनाएँ शामिल की जा सकें।

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