भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम: हाइड्रोजन-संचालित ट्रकों का परीक्षण शुरू
भारत के 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के दृष्टिकोण की दिशा में एक ऐतिहासिक विकास हुआ है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज नई दिल्ली में टाटा मोटर्स द्वारा लॉन्च किए गए हाइड्रोजन-संचालित हेवी-ड्यूटी ट्रकों के पहले परीक्षणों को हरी झंडी दी।
इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा, “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है, जो उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में अपार क्षमता रखता है। यह पहल भारी ट्रकिंग क्षेत्र में टिकाऊ गतिशीलता के लिए परिवर्तन की गति को बढ़ाएगी और हमें एक कुशल, कम कार्बन वाले भविष्य के करीब ले जाएगी। मैं इस महत्वपूर्ण कदम को लेकर टाटा मोटर्स को बधाई देता हूं।”
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी हाइड्रोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत के टिकाऊ और शून्य कार्बन भविष्य की ओर बढ़ने के लिए हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण ईंधन है। यह परीक्षण भारत के परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने में हरित हाइड्रोजन की क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा है, जो भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान करेगी।”
यह ऐतिहासिक परीक्षण देश में टिकाऊ लंबी दूरी के कार्गो परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। टाटा मोटर्स ने भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप यह पहल शुरू की है, और यह परीक्षण राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। यह परीक्षण हाइड्रोजन चालित वाहनों की व्यावसायिक व्यवहार्यता का आकलन करेगा और उनके निर्बाध संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
यह परीक्षण 24 महीने तक चलेगा, जिसमें विभिन्न विन्यासों और पेलोड क्षमता वाले 16 उन्नत हाइड्रोजन-संचालित वाहनों की तैनाती की जाएगी। इन ट्रकों का परीक्षण भारत के प्रमुख मालवाहन मार्गों पर किया जाएगा, जिनमें मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर शामिल हैं।
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा, “हमें गर्व है कि टाटा मोटर्स भारत के हरित, स्मार्ट और संधारणीय परिवहन की दिशा में बदलाव ला रहा है। हम स्वच्छ, शून्य उत्सर्जन ऊर्जा में बदलाव का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस परिवर्तन के लिए भारत सरकार के नेतृत्व के आभारी हैं और भविष्य के लिए तैयार परिवहन समाधानों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह पहल भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और परिवहन क्षेत्र को अधिक पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाने में मदद करेगी।