मुम्बई: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता ओमपुरी ने अपने धारदार अभिनय से लाखों दिलों में जगह बनाई। उनके अभिनय की मिसाल आज भी दी जाती है। ओमपुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 को अंबाला, हरियाणा में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। सैंकड़ों फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले ओमपुरी का जीवन काफी संघर्षपूर्ण था। हालांकि उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से इंडस्ट्री में नाम कमाया, लेकिन उनका जीवन हमेशा विवादों से घिरा रहा।
आर्थिक तंगी और संघर्षपूर्ण जीवन
ओमपुरी का बचपन गरीबी में बीता। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें कोयला बीनने का काम करना पड़ा था ताकि वे अपना पेट भर सकें। इस संघर्ष के बावजूद, ओमपुरी ने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम किया। उन्होंने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक यादगार भूमिकाएं निभाईं और दर्शकों का दिल जीता।
पत्नी नंदिता की किताब और चौंकाने वाले खुलासे
ओमपुरी की पत्नी नंदिता ने एक किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने अपने पति के जीवन के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। इस किताब का नाम था “असाधारण नायक ओमपुरी”। पत्नी ने बताया कि ओमपुरी का पहला प्यार 14 साल की उम्र में एक 55 साल की नौकरानी से हुआ था, जो उनके मामा के घर काम करती थी। नंदिता ने अपनी किताब में खुलासा किया कि एक दिन जब घर की लाइट चली गई, तो नौकरानी ने ओमपुरी को पकड़ लिया और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
बड़ी उम्र की महिलाओं की ओर आकर्षण
नंदिता ने अपनी किताब में यह भी उल्लेख किया कि ओमपुरी बड़ी उम्र की महिलाओं की ओर आकर्षित होते थे। उनके इस खुलासे के बाद, ओमपुरी और नंदिता के रिश्ते में खटास आ गई थी। हालांकि, ओमपुरी की जीवन की जटिलताओं और संघर्षों को समझते हुए उनके प्रशंसक उन्हें हमेशा आदर्श अभिनेता के रूप में देखते रहे।
हॉलीवुड में काम करने का सपना
बॉलीवुड में ओमपुरी के अभिनय को बहुत सराहा गया। उनकी एक्टिंग के चलते उन्हें हॉलीवुड से भी ऑफर मिलने लगे। हालांकि, एक बड़ी चुनौती उनके सामने थी—उन्हें अंग्रेजी भाषा नहीं आती थी। लेकिन ओमपुरी ने इसे अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया और उन्होंने कड़ी मेहनत की। कुछ ही महीनों में वह अंग्रेजी बोलने में काफी दक्ष हो गए। उनकी इस मेहनत का परिणाम यह हुआ कि वे हॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा बने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।
एक्टर न होते तो क्या करते?
ओमपुरी ने अपने कई साक्षात्कारों में यह खुलासा किया कि अगर वे अभिनेता नहीं होते, तो वे शायद एक ढाबा चलाते। उनका यह बयान उनकी सरलता और जीवन के प्रति सच्ची समझ को दर्शाता है।
निष्कर्ष
ओमपुरी का जीवन एक प्रेरणा है, जो यह दिखाता है कि कठिनाइयों के बावजूद, अगर आपके पास जुनून और मेहनत है, तो आप किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। अपने जीवन में आए विवादों और संघर्षों के बावजूद ओमपुरी ने हमेशा अपने अभिनय से लोगों का दिल जीता। उनका योगदान भारतीय सिनेमा के लिए अमूल्य रहेगा, और उनकी यादें हमेशा दर्शकों के दिलों में ताजा रहेंगी।