हरियाणा में धराशाही हुई कचरा प्रबंधन योजना, कुमारी सैलजा का आरोप

कचरा प्रबंधन प्लांट पर सरकार की अनदेखी

ऐलनाबाद : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में कचरा प्रबंधन योजना पूरी तरह से विफल हो चुकी है। पहले से स्थापित कचरा प्रबंधन प्लांट बंदी के कगार पर हैं और वहां कूड़े के पहाड़ लगे हुए हैं। न तो खाद का निर्माण हुआ और न ही कचरे से बिजली का उत्पादन हो पाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अब फिर से कचरे से बिजली उत्पादन की घोषणा कर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है। सैलजा ने कहा कि सरकार को पहले कचरा प्रबंधन के ठोस और कारगर उपाय करने चाहिए थे।

कचरा प्रबंधन प्लांट की बदहाली की ओर इशारा

  • सिरसा के गांव बकरियांवाली में 2006 में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किया गया था।
  • 14 साल से इस प्लांट पर सैकड़ों हजार टन कचरा पड़ा हुआ है।
  • इस प्लांट में कचरे से खाद बनाने और निस्तारण के लिए मशीनें लगाई गई थीं, लेकिन यह अब खुद कचरे का ढेर बन चुका है।
  • अंबाला में भी इसी प्रकार का कचरा प्रबंधन प्लांट लगाया गया था, जहां न तो खाद बनी और न ही बिजली का उत्पादन हुआ।

कचरे से बिजली बनाने की घोषणाओं का विरोध

  • भाजपा सरकार ने वादा किया था कि कचरे से बिजली बनाई जाएगी, लेकिन यह वादा भी कागजों तक सीमित रह गया।
  • केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कचरे से बिजली बनाने की घोषणा की थी, जिसका शुभारंभ गुरुग्राम-फरीदाबाद से होगा।
  • कुमारी सैलजा ने कहा कि कचरे से बिजली बनाना अच्छा है, लेकिन पहले से स्थापित कचरा प्रबंधन प्लांट की स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, जहां कचरे के ढेर लगे हुए हैं।

गांव बकरियांवाली की समस्याएं

  • बकरियांवाली गांव के ग्रामीणों ने कई बार धरना प्रदर्शन और अनशन किया है, क्योंकि कचरे के निस्तारण न होने से गांव में बदबू फैल रही है और लोग विभिन्न बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
  • आसपास के खेतों में फसलें तक नहीं उग रही हैं।
  • कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा जिले के इस प्लांट में भी बिजली बनाने की घोषणाएं की गई थीं, लेकिन ये अभी तक कागजों पर ही हैं।

कचरा प्रबंधन और बिजली की बढ़ती मांग

  • हरियाणा को अपनी बिजली की जरूरतें पूरी करने के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है।
  • हर साल बिजली की मांग में वृद्धि हो रही है, और कचरे से बिजली उत्पादन के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के बीच एक एमओयू साइन किया गया है।
  • कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले से स्थापित कचरा प्रबंधन प्लांट को सही तरीके से चलाने की आवश्यकता है, जिससे कचरे का सही तरीके से निस्तारण हो सके और ऊर्जा का उत्पादन भी हो।

कचरे के निस्तारण की आवश्यकता और उड़ान सुरक्षा

  • सिरसा और अंबाला में वायु सेना केंद्र हैं, जहां से प्रतिदिन लड़ाकू विमान उड़ान भरते हैं।
  • कचरे से पक्षी आकर्षित होते हैं, जिससे उड़ान के दौरान हादसे का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
  • इसलिए इन स्थानों पर कचरे का निस्तारण करना बहुत जरूरी है।

गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कचरा प्रबंधन की स्थिति खराब

  • कुमारी सैलजा ने कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कचरे की स्थिति बहुत खराब है।
  • वहां के जनप्रतिनिधि खुद इस अव्यवस्था को लेकर आवाज उठा चुके हैं।
  • उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी घोषणाएं करनी चाहिए जिन्हें वे पूरा कर सकें, न कि जनता को गुमराह करने के लिए।

निष्कर्ष
कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की कि वह कचरे के निस्तारण की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि ना केवल कचरे की समस्या हल हो, बल्कि बिजली उत्पादन से भी राज्य को लाभ हो।

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