महाकुम्भ के दौरान अध्यात्म और मोक्ष की आकांक्षा को कुछ क्षण के लिए किनारे करे और विचार करें कि प्रयागराज में शासन की तरफ से जो विराट प्रबंध तीर्थ यात्रियों और साधु-संतों के अलावा सरकारी अमले और इनके परिजनों, रिश्तेदारों, विदेश से आये मेहमानों और सरकारी मेहमानों जैसे कि, मीडिया और अन्य लोगों के लिए किये गए हैं,उनके लिए हर प्रकार की सुविधाएं जैसे कि ट्रांसपोर्ट, रहना, खाना-पीना, साफ़ सफाई, कैटरिंग आदि के लिए कितनी धनराशि के व्यय की व्यवस्था की गयी होगी.?
सन 2024-25 के राज्य बजट में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने महाकुंभ के आयोजन के लिए 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. 2023-24 के बजट में यह राशि 2,500 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 621.55 करोड़ रुपये थी. केंद्र ने महाकुंभ के लिए 2,100 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान को मंजूरी दी है. बता दें कि सन २०२३ के महाकुम्भ के आयोजन पर राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर रु.१४०० करोड़ का खर्चा किया था. राशि मामूली नहीं है, इसलिए इसका परफॉरमेंस ऑडिट भी कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ़ इंडिया द्वारा किया गया था.
किसी की इच्छा हो और भरोसा न हो तो सीएजी की वेबसाइट से रिपोर्ट नंबर ३ ऑफ़ २०१४ इस लिंक से निकालकर पढ़ सकता है: t.ly/gFnN1. लेकिन आमलोगों और यहाँ तक कि मीडिया वालों को भी इससे क्या लेना देना. मीडिया में मैनें ५० साल से इस बाबत कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं देखी है. कुम्भ आयोजन पर दनादन लिखने वाले पत्रकारों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है.