चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर हरियाणा का हक बनता है: रामपाल माजरा

चंडीगढ़ के प्रशासनिक पदों पर हरियाणा का हिस्सा घटाने की साजिश

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चंडीगढ़ : इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने चंडीगढ़ के एडवाइजर के पद को समाप्त कर मुख्य सचिव का पद मंजूर करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर हरियाणा का हक बनता है। माजरा ने बताया कि जब हरियाणा पंजाब से अलग हुआ था, तो यह तय किया गया था कि चंडीगढ़ के प्रशासनिक पदों पर 60 प्रतिशत पंजाब कैडर और 40 प्रतिशत हरियाणा कैडर के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा।

हरियाणा का हिस्सा लगातार कम किया गया
रामपाल माजरा ने कहा कि 2005 तक चंडीगढ़ में हरियाणा को उसका हिस्सा मिलता रहा, लेकिन उसके बाद से केंद्र में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या वर्तमान में बीजेपी की, हरियाणा का हिस्सा धीरे-धीरे कम किया गया है। पहले चंडीगढ़ के सभी महत्वपूर्ण विभागों में जैसे जेल विभाग, निगम, फॉरेस्ट, फूड एंड सप्लाई, भवन और सड़क निर्माण, टूरिज्म, इंडस्ट्री, पुलिस, और प्रशासन विभाग में हरियाणा के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जाता था, लेकिन अब केवल कुछ ही विभागों में ऐसा हो रहा है।

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चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक बनाए रखने की मांग
रामपाल माजरा ने आरोप लगाया कि एक सोची-समझी साजिश के तहत हरियाणा का चंडीगढ़ पर हक खत्म करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक समाप्त करने की साजिश के खिलाफ है और चंडीगढ़ के सभी विभागों में हरियाणा के अधिकारियों को 60:40 के अनुपात में नियुक्त करने और चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर हरियाणा कैडर के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर लगाने की मांग करती है।

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