नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं, और इस चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की संभावना को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। हरियाणा में कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी करना और पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए सही नेता का चयन करना, गहलोत के लिए बड़ी चुनौतियों में से एक है।
हरियाणा में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में मुख्यमंत्री पद के लिए तीन प्रमुख दावेदार हैं: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, और रणदीप सिंह सुरजेवाला। ये तीनों नेता गहलोत के करीबी माने जाते हैं और समय-समय पर उनका समर्थन कर चुके हैं। इन तीनों में से किसे मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जाएगी, यह एक अहम सवाल बना हुआ है।
गहलोत के लिए एक और बड़ी चुनौती कांग्रेस नेता राहुल गांधी की है। राहुल गांधी चाहते हैं कि हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के लिए सर्वमान्य नेता चुना जाए, लेकिन टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस के अंदर असंतोष देखा गया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को ज्यादा टिकट मिलने पर राहुल गांधी नाराज हैं।
राहुल गांधी ने चुनावी गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी से बातचीत का भी निर्देश दिया था, लेकिन गठबंधन नहीं हो सका। अब सवाल यह है कि अशोक गहलोत अपनी राजनीति की जादूगरी दिखाते हुए कैसे कांग्रेस को हरियाणा में सत्ता में वापसी दिलाएंगे और सर्वमान्य नेता को मुख्यमंत्री बनाने में सफल होंगे?
हरियाणा में कांग्रेस की सत्ता वापसी और पार्टी के भीतर नेतृत्व चयन गहलोत के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।