हनुमान जी और शनिदेव: शनिदोष से बचने की पौराणिक कथा

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनिदोष या शनि की अशुभ दशा होती है, तो ज्योतिष और पंडित उन्हें हनुमान जी का पूजन करने की सलाह देते हैं। हालांकि, अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि शनि के प्रकोप से हनुमान जी कैसे बचा सकते हैं, और शनि का प्रकोप हनुमान जी के पूजन से दूर क्यों होता है? आज हम आपको हनुमान जी और शनिदेव से जुड़ी एक पौराणिक कथा बताएंगे, जिससे आपके सारे सवालों का उत्तर मिलेगा।

हनुमान जी और शनिदेव का संबंध
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार हनुमान जी भगवान राम की भक्ति में जंगल में लीन थे। तभी शनिदेव वहां से गुजर रहे थे और उनके पास ऐसी शक्तियां थीं, जिनसे किसी को नुकसान पहुंच सकता था। शनिदेव ने हनुमान जी को अपनी वक्र दृष्टि से ढकने का प्रयास किया, लेकिन हनुमान जी भगवान राम की भक्ति में इतने लीन थे कि उन्होंने शनिदेव के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

नाराज होकर शनिदेव ने हनुमान जी का ध्यान भंग करने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे। कई बार शनिदेव ने उन्हें ललकारा, लेकिन हनुमान जी का ध्यान नहीं टूटा। जब हनुमान जी ने ध्यान समाप्त किया, तो उन्होंने अपनी आंखें खोली और विनम्रता से शनिदेव से पूछा, “महाराज! आप कौन हैं?” यह सुनते ही शनिदेव क्रोधित हो गए और गुस्से में कहा, “मैं शनि हूं, तीनों लोकों को भयभीत करने वाला। और आज मैं तेरी राशि में प्रवेश कर रहा हूं। अगर मुझे रोक सके तो रोक ले।”

हनुमान जी ने शनिदेव को क्यों मारा गदा से
शनिदेव की बातों को सुनकर हनुमान जी ने विनम्रता से कहा, “आप अपना यह पराक्रम कहीं और दिखाएं, मुझे मेरे प्रभु श्री राम का ध्यान करने दें।” फिर हनुमान जी फिर से ध्यान में बैठ गए। यह देखकर शनिदेव का क्रोध और बढ़ गया और उन्होंने हनुमान जी की बांह पकड़ ली।

हनुमान जी ने एक झटके में अपनी बांह छुड़ा ली और शनिदेव को अपना विकराल रूप दिखाया। शनिदेव फिर भी नहीं डरे और उन्होंने हनुमान जी की बांह पकड़ने की कोशिश की। इसके बाद हनुमान जी को गुस्सा आया और उन्होंने शनिदेव को अपनी पूंछ में लपेटकर गदा से प्रहार किया। शनिदेव को चोट आई, और वे सरसों का तेल मांगने लगे।

हनुमान जी ने उन्हें सरसों का तेल उपलब्ध कराया। फिर शनिदेव ने कहा, “जो भक्त शनिवार के दिन मुझे सरसों का तेल चढ़ाएगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे। मैं कभी हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करूंगा।” इसके बाद से हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है।

इस कथा से यह साफ होता है कि हनुमान जी के पूजन से शनिदेव का प्रकोप दूर होता है और भक्तों पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है।

 

डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। इनसे संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लें।

 

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