प्रवासी पक्षियों के कलरव से गूंजा हैदरपुर वेटलैंड, यहां देखें खूबसूरत तस्वीरें

रामराज। मौसम के करवट बदलते ही जहां ठंड में इजाफा हुआ है वहीं रामराज में हस्तिनापुर वन्य जीव जंतु अभ्यारण्य क्षेत्र का हैदरपुर वेटलैंड व गंगा के किनारे प्रवासी पक्षियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिससे प्रवासी पक्षियों के कलरव से हैदरपुर वेटलैंड गूंज उठा है जिससे प्रकृति प्रेमियों के चेहरे खिले हुए है।
हस्तिनापुर वन्य जीव जंतु अभ्यारण्य क्षेत्र का हैदरपुर वेटलैंड गंगा बैराज नदी का किनारे स्थित होने से यहा का क्षेत्र ठंडा व पक्षियों के अनुकूल बना हुआ है जिसके कारण हर वर्ष की भांति यहां विदेशों की लम्बी यात्रा कर विदेशी प्रवासी पक्षी पहुंचने शुरू हो गए है। वैसे तो प्रत्येक वर्ष यहां पर हजारों प्रवासी पहुंचते है, किंतु इस बार भारी तादात में इस झील में प्रवासी पक्षी पहुंच रहे हैं। जिसमें से यहां नई प्रजातियों के पक्षियों ने अपनी आमद दर्ज कराई है।

जिससे हैदरपुर झील प्रवासी पक्षियों के कलरव से गूंज उठी है और प्रकृति प्रेमियों व वन विभाग के अधिकारियों के चेहरे खिले हुए हैं। पक्षियों पर वर्षों से रिसर्च कर रहे पक्षी प्रेमी आशीष लोया बताते है कि हैदरपुर वेटलैंड की झील करीब 1221 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैली हुई है। हमारे देश में पक्षियों की करीब 1300 प्रजातियां है जिसमें इस झील में करीब 300 प्रजातियां निवास करती है हमारे क्षेत्र के लिए यह गौरव की बात है।

उन्होने बताया कि चायना मंगोलिया से चलकर माउंट एवरेस्ट की चोटियों से होते हुए दुर्लभ प्रजाति के बार हेडेड गूज़ व ब्लेक स्ट्रोक समेत पाईड एवोसेट, कॉटन टिल, गेडवेल, नॉर्दन स्लॉवर, नॉर्दन पिटेल, गार्गेनी, कॉमन टेल, बारहैडेड गूस, ग्रेयलेग गूस, टपटेड पॉचार्ड, ब्लैक नेक्ड स्ट्रोक, गडवाल, यूरेशियन कर्लिव, कॉमन पॉचार्ड आदि विदेशी पक्षी यहां पहुंचकर मेहमान नवाजी का लुत्फ उठाते हैं। पिछले वर्ष यहां पर करीब 25 हजार से ऊपर प्रवासी पक्षी पहुंचे थे तथा अभी तक यहां पर करीब 7 हजार प्रवासी पक्षी पहुंच गए हैं। जिनमे 800 कॉमन पोचार्ड, 1000 गढ़वाल, 500 कूप पक्षी तथा 40 जोड़े सुरखाप पक्षी प्रमुख पक्षी है। जबकि रेड कर्स्टर्ड पोचार्ड, कोमन टील आदि पक्षी अभी बड़ी मात्रा में आने वाले है।

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