गुस्ताखी माफ हरियाणा-पवन कुमार बंसल
मेरे सूत्रों को इक्कीस तोपों की सलामी – एचएसवीपी के शीर्ष अधिकारियों के सभी प्रयासों के बावजूद मैंने सेक्टर 56 कंट्री क्लब गुरुग्राम को एक निजी पार्टी को पट्टे पर देने से संबंधित सभी दस्तावेजों का प्रबंधन कर लिया है।
अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही पाठको के दरबार में हाज़िर हूँगा ii एक सफल खोजी पत्रकार बनने के लिए कोई रॉकेट विज्ञान नहीं है। स्रोत की पहचान की रक्षा करने की विश्वसनीयता और स्रोतों द्वारा दी गई जानकारी को प्रकाशित करने की छवि एक सफल खोजी बनने के लिए आवश्यक तत्व हैं ..दुम्छला ii आत्मप्रशंसा का आरोप नहीं लगाया जाए तो मैं अपनी पुस्तक “टिप्स फॉर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म” पंद्रह साल पहले “का विमोचन करते समय जनसत्ता के संपादक स्वर्गीय श्री प्रभाष जोशी के शब्दों को उद्धृत कर रहा हूं।” आने वाले वर्षों में बंसल जैसे पत्रकार लुप्तप्राय प्रजाति के होंगे और केवल चिड़ियाघर में पाए जाएंगे।” किताब की समीक्षा करते हुए दैनिक ट्रिब्यून ने लिखा, ”किताब में दिए गए खोजी पत्रकारिता के टिप्स शायद देश के पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कभी नहीं पढ़ाए जाते।” प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के तत्कालीन प्रमुख न्यायमूर्ति पीबी सावंत ने टिप्पणी की है,