गुस्ताख़ी माफ़ हरियाणा -पवन कुमार बंसल
खुशियां भर भर थालीबरसाये धरा हरियालीप्रदेश यह वीर किसानों कारहें खेत कभी न खालीजय हरियाणा, जय जय हरियाणाहरियाणा है नहीं आज का,सबसे पुरातन संस्कृतियहीं निकलती सरस्वतीऔरसभ्यता राखीगढ़ी वालीजय हरियाणा, जय जय हरियाणादेश- प्रेम के जज्बे सेओत-प्रोत है जन मानसवीर सपूतों की है माटीसरहदें जिन्होंने संभालीजय हरियाणा, जय जय हरियाणाहरियाणा का गीत सनातन‘गीता’ करती जन-मन उज्ज्वलयहीं चमकती इतिहासों कीशमशीरें हिम्मत वालीजय हरियाणा, जय जय हरियाणाहुनरमंद हैं युवा हमारेखेल जगत में छायेउद्योगों में शान देश कीनिखरी छवि निरालीजय हरियाणा, जय जय हरियाणाi