- (रिपोर्टर: परविंदर सिंह)
ऐलनाबाद, 18 फरवरी – ग्रंथी सभा ऐलनाबाद, हरियाणा के प्रधान परविंदर सिंह धमीजा ने आज संगत से अपील करते हुए कहा कि ग्रंथी, पाठी, रागी जत्थे, कविसर, कथावाचक और ढाडी जत्थे बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, लेकिन उन्हें किसी भी कमेटी या संस्था से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि जो गुरुद्वारों में सेवा करते हैं, उन्हें कमेटी द्वारा तनख्वाह दी जाती है, लेकिन जो स्वतंत्र ग्रंथी हैं और घर-घर जाकर पाठ और पूजा करवाते हैं, वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। यदि वे भेंटा (दक्षिणा) बढ़ाने की बात करते हैं, तो उन्हें काम न देने या जान से मारने की धमकियां तक दी जाती हैं।
धार्मिक सेवकों को उचित सम्मान और सहयोग देने की अपील
प्रधान परविंदर सिंह धमीजा ने कहा कि लोग शादी-समारोह और अन्य आयोजनों पर लाखों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन पंडित, पाठी, रागी या कथावाचकों को बहुत कम भेटा (दक्षिणा) देते हैं। उन्होंने संगत से मानसिकता बदलने और धार्मिक सेवकों को उचित सम्मान और सहयोग देने की अपील की।
उन्होंने आगे कहा कि धर्म परिवर्तन करने की बजाय, अपने धर्म के प्रचार-प्रसार में योगदान देना चाहिए और अधिक से अधिक सत्कार और दक्षिणा देकर धार्मिक परंपराओं को सशक्त बनाना चाहिए।
(रिपोर्टर: परविंदर सिंह)