नई दिल्ली: अब देशभर के पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों को पेंशन पाने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि देशभर में चल रहे विशेष अभियान के दौरान पेंशनभोगियों ने एक करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र (DLC) बनाए हैं। यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक भारत के 800 शहरों और कस्बों में लगातार चलाया जा रहा है।
एक करोड़ डीएलसी बने, अब बैंक जाने की जरूरत नहीं
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह अभियान पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था। अब तक एक करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बनाए जा चुके हैं। इससे पेंशनभोगियों को घर बैठे पेंशन मिल सकेगी, और उन्हें बैंक जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इस तकनीकी समाधान के माध्यम से बुजुर्गों को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
80 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने लिया लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात के 116वें एपिसोड में कहा था कि अब तक 80 लाख से अधिक लोग डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें से 2 लाख से अधिक ऐसे बुजुर्ग हैं जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है।
फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग बढ़कर 202 गुना
मंत्री जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इस अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल सशक्तिकरण विजन को पूरा किया जा रहा है। डीएलसी अभियान 3.0 के तहत फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग 202 गुना बढ़ गया है, जिससे इस प्रक्रिया को और भी सुलभ और सुरक्षित बनाया गया है।
साझेदारी में सफलता
यह अभियान पेंशन वितरण करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, डाक विभाग और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है।
इस पहल के तहत बुजुर्गों और पेंशनभोगियों के लिए पेंशन प्रक्रिया को और भी सरल और सुरक्षित बना दिया गया है, जिससे उन्हें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।