सोने की कीमतों में गिरावट, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का सोने में निवेश: भविष्य में क्या असर होगा?
सोने की कीमतों में एक बार फिर गिरावट आई है, लेकिन इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई टन सोना खरीदा है। यह कदम केंद्रीय बैंक के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। तो, क्यों RBI सोने में निवेश कर रहा है और भविष्य में सोने की कीमतों पर इसका क्या असर हो सकता है? आइए जानते हैं।
सोने की कीमतों में गिरावट
13 दिसंबर 2024 तक सोने की कीमत ₹77,969 प्रति 10 ग्राम तक गिर गई। यह गिरावट 1.31% की रही, जिसका मुख्य कारण अमेरिका में आई आर्थिक डेटा में सुधार था। अच्छे आंकड़ों के बाद, ब्याज दरों में कमी की संभावना बढ़ गई है, और अनुमान है कि 18 दिसंबर को 0.25% की कटौती हो सकती है। दुनियाभर के सर्वे में 98% लोग इस बात से सहमत हैं। हालांकि, भारत में सोने की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹78,783 प्रति 10 ग्राम रही, जबकि मुंबई में यह ₹78,637 प्रति 10 ग्राम रही।
अक्टूबर में भारत की सोने की खरीदारी
भारत ने अक्टूबर 2024 में 27 टन सोना खरीदा, जो केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई कुल 60 टन की खरीदारी में शामिल था। यह आंकड़ा 2024 के लिए सबसे बड़ा है और भारत ने पिछले साल की तुलना में 5 गुना ज्यादा सोना खरीदा। इसके अलावा, तुर्की और पोलैंड जैसे देश भी अपनी सोने की खरीदारी को बढ़ा रहे हैं।
RBI का सोने में निवेश का कारण
RBI के द्वारा सोने की खरीदारी कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सोने को अपनी भंडार में शामिल करने के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:
विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता
RBI के पास मुख्य रूप से डॉलर, यूरो जैसी विदेशी मुद्राओं में भंडार होते हैं। सोने में निवेश करने से रुपये को वैश्विक उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद मिलती है। इससे भारत के भंडार में स्थिरता आती है और आर्थिक जोखिम को कम किया जा सकता है।
आर्थिक और जियोपॉलिटिकल अस्थिरता से सुरक्षा
वैश्विक बाजार में अनिश्चितता और संकट के दौरान सोने की कीमतें आम तौर पर बढ़ती हैं। ऐसे समय में सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में काम करता है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के भंडार को संकट के समय बचाने का एक प्रभावी तरीका बनता है।
भविष्य में क्या होगा?
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव आने की संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन RBI का सोने में निवेश यह संकेत देता है कि वह भविष्य के आर्थिक संकटों से निपटने के लिए तैयार है। जब तक वैश्विक अनिश्चितताएं और आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है, सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना रहेगा।
इसलिए, सोने में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम साबित हो सकता है, खासकर जब केंद्रीय बैंक भी इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बना रहे हैं। सोना न केवल एक मूल्यवर्धित संपत्ति के रूप में कार्य करता है, बल्कि यह भारतीय रिजर्व बैंक के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच भी है, जो उसे वैश्विक संकटों और मुद्रास्फीति से बचाने में मदद करता है।