2024 में भारत में सोने की मांग 5% बढ़कर 802.8 टन तक पहुंच गई, जबकि 2023 में यह 761 टन थी। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, आयात शुल्क में कमी और शादी-ब्याह व त्योहारों के कारण यह वृद्धि हुई है।
मूल्य में 31% की बढ़ोतरी
2024 में सोने की कुल कीमत में 31% की बढ़ोतरी देखी गई, जो बढ़कर 5,15,390 करोड़ रुपये हो गई, जबकि 2023 में यह 3,92,000 करोड़ रुपये थी। ऊंची कीमतों के बावजूद, निवेश और आभूषण खरीदारी में रुचि बनी रही है।
2025 में 700-800 टन की मांग का अनुमान
WGC के क्षेत्रीय प्रमुख सचिन जैन के अनुसार, 2025 में सोने की मांग 700-800 टन के बीच रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि शादी-ब्याह के सीजन में मांग बनी रहेगी, लेकिन कीमतों में स्थिरता जरूरी होगी।
सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर
2024 में सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सोना 85,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। साल की शुरुआत में यह 79,390 रुपये था, जिससे 6,410 रुपये (8.07%) की बढ़ोतरी हुई।
आभूषणों की मांग घटी, निवेश बढ़ा
2024 में आभूषणों की मांग 2% घटकर 563.4 टन रही, जबकि 2023 में यह 575.8 टन थी। दूसरी ओर, खुदरा निवेशक गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड, सिक्कों और बार में अधिक रुचि दिखा रहे हैं।
सोने का आयात घटा
2024 में भारत का सोने का आयात 4% घटकर 712.1 टन रहा, जबकि 2023 में यह 744 टन था।
RBI बना बड़ा खरीदार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2024 में 73 टन सोना खरीदा, जो 2023 में खरीदे गए 16 टन से चार गुना ज्यादा है।
वैश्विक स्तर पर मामूली वृद्धि
दुनियाभर में सोने की मांग 2024 में 4,974 टन रही, जो 2023 के 4,945.9 टन से 1% अधिक है। वैश्विक अनिश्चितताओं और ऊंची कीमतों के कारण आभूषणों की मांग घटी, लेकिन निवेश में रुचि बनी रही।
गौरतलब है कि 2024 में भारत में सोने की मांग बढ़ी, लेकिन कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची। 2025 में बाजार स्थिर रहने की उम्मीद है, लेकिन निवेशकों और ग्राहकों को कीमतों में स्थिरता का इंतजार रहेगा।