Foundation day of odisa: आज ओडिशा में मनाया जाएगा उत्कल दिवस, जानें क्या रहा है इसका इतिहास
आज के ही दिन हुई थी ओडिशा राज्य की स्थापना
नई दिल्ली। भगवान जगन्नाथ की भूमि ओडिशा का आज 88वां स्थापना दिवस है। हर साल 1 अप्रैल को ओडिशा में उत्कल दिवस यानि ओडिशा स्थापना दिवस मनाया जाता है। ओडिशा के अस्तित्व में आने के साथ ही भगवान जगन्नाथ की कथा भी साथ जुड़ी थी। आइए जानते हैं ओडिश दिवस के बारें में कुछ रोचक तथ्य
ओड़िशा की उत्पत्ति
ओड़िशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के ओड्र विषय या ओड्र देश से हुई है। ओडवंश के राजा ओड्र ने इसे बसाया पाली और संस्कृत दोनों भाषाओं के साहित्य में ओड्र लोगों का उल्लेख क्रमशः ओद्दाक और ओड्र: के रूप में किया गया है। प्लिनी और टोलेमी जैसे यूनानी लेखकों ने ओड्र लोगों का वर्णन ओरेटस कह कर किया है।
इतिहास
आजादी से पहले ब्रिटिश शासन के तहत ओडिशा बंगाल प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था। तीन सदियों के लंबे संघर्ष के बाद 1 अप्रैल 1936 को राज्य बंगाल और बिहार प्रांत से अलग हो गया था। तब से 1 अप्रैल को ओडिशा स्थापना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। क्योंकि इस दिन मद्रास प्रेसीडेंसी के कुछ हिस्सों को अलग-अलग राज्यों में विभाजित किया गया था। ओडिशा दिवस मनाने का उद्देश्य एक अलग राजनीतिक पहचान हासिल करने, निवासियों के बीच एकता की भावना को प्रोत्साहित करने और अपने संघर्ष की याद को बरकारर रखना है। ओडिशा कई हिंदुओं के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व की भूमि भी है, क्योंकि यहां कई मंदिर भी स्थापित हैं। इनमें सबसे अधिक और सबसे प्राचीन मंदिर पुरी में जगन्नाथ मंदिर स्थापित है। इस मंदिर का निर्माण 1078 में किया गया था। यह हिंदू का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां हर साल ‘रथ यात्रा’ या ‘रथ महोत्सव’ भी मनाया जाता है।
ओडिशा की विशेषता
उत्कल प्रांत का गठन होने के बाद से ओडिशा अपनी समृद्ध भाषा, साहित्य, कला व संस्कृति तथा विशेष खाद्य व्यंजन व पेय समेत अन्य क्षेत्रों में आज पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। उत्कल प्रदेश मंदिर, कलाकृति, ओडिशी नृत्य जैसी कला, संगीत संस्कृति को लेकर अपना विशेष स्थान रखता है। चाहे वह चारों धाम से एक धाम श्रीजगन्नाथ धाम हो, चाहे राजधानी भुवनेश्वर में मौजूद महाप्रभु श्री लिंगराज मंदिर, धौली स्तूप, खंडगिरी उदयगिरी गुफा जैसी ऐतिहासिक धरोहरों वाला ओडिशा आज न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र के रूप में पहचान बना चुका है।