रजा लाइब्रेरी बोर्ड के पूर्व सदस्य नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां की निदेशक डॉ पुष्कर मिश्र से मुलाकात
रामपुर। रजा लाइब्रेरी बोर्ड के सदस्य रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने निदेशक डॉ पुष्कर मिश्र से मुलाकात कर विभिन्न विषयों पर बातचीत की।
पूर्व मंत्री नवेद मियां से बातचीत के दौरान रजा लाइब्रेरी के डायरेक्टर डॉ पुष्कर मिश्र ने कहा कि इस संस्थान को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध रामपुर रज़ा लाइब्रेरी एवं संग्रहालय में 18 से अधिक भाषाओं, विशेषकर संस्कृत, अरबी और फ़ारसी पांडुलिपियों का भंडार है। राष्ट्रीय महत्व के एक बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक संस्थान के रूप में हम एक भाषा का दूसरी भाषा में अनुवाद कराने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं ताकि विभिन्न भाषाओं के पाठक प्रत्येक भाषा से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी में लगभग 17,000 पाण्डुलिपियां और दुर्लभ वस्तुएं हैं, जिनमें 35 एलबमों के 1000 लघुचित्र, 84 कैलीग्राफी एलबमों में 2000 इस्लामिक कैलीग्राफी के नमूने, 300 कला-कृतियाँ, 1300 ऐतिहासिक सिक्के सम्मिलित हैं तथा विभिन्न भाषाओं में लगभग 65,000 मुद्रित पुस्तकें उपलब्ध हैं।
पूर्व मंत्री नवेद मियां ने कहा कि रजा लाइब्रेरी की स्थापना रामपुर के प्रथम शासक नवाब फैजुल्लाह खां ने 1774 में की थी। 1975 में पार्लियामेंट एक्ट के तहत यह भारत सरकार के अधीन तथा संस्कृति मंत्रालय, के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था के रूप में तथा एक बोर्ड की निगरानी में कार्य कर रहा है। राज्यपाल लाइब्रेरी बोर्ड की अध्यक्ष हैं। नवेद मियां ने कहा कि बोर्ड के पुनर्गठन के बाद लाइब्रेरी के हित में कई निर्णय होने की उम्मीद है। उन्होंने निदेशक से यह भी कहा कि लाइब्रेरियन न होने की वजह से सील किए गए संग्रह के सही रखरखाव और शीघ्र ही इसको शोधकर्ताओं के लिए खोले जाने की व्यवस्था किए जाने पर भी ध्यान दिया जाए।
निदेशक ने नवेद मियां को लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने और संग्रहित रागमाला एल्बम थीम पर आधारित 2025 का कैलेंडर भेंट किया। इस मौके पर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) रूखेखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां भी मौजूद रहे।