नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ने के बाद अब दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। गहलोत ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भेजा है।
आप छोड़कर भाजपा में हुए शामिल
बीते 18 नवंबर को कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की घोषणा की थी। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।
आरोपों को किया खारिज
भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय किसी दबाव में नहीं बल्कि अपने विचारों और मूल्यों के आधार पर लिया है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि मैंने यह फैसला सीबीआई या अन्य किसी दबाव में लिया है। यह पूरी तरह गलत है। यह निर्णय एक दिन का नहीं बल्कि लंबे समय से चल रहे विचार-विमर्श का नतीजा है।”
‘आम आदमी पार्टी के मूल्यों का पतन देखा’
गहलोत ने बताया कि उन्होंने अन्ना आंदोलन के बाद एक विचारधारा और सेवा भाव के लिए आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। लेकिन पार्टी में उन्होंने जिन मूल्यों की उम्मीद की थी, उनका पतन होते देखा। गहलोत ने कहा, “मैं दंग रह गया जब मैंने देखा कि पार्टी जिन सिद्धांतों के लिए खड़ी थी, उनसे भटक गई।”
राजनीतिक सफर में नया मोड़
भाजपा में शामिल होने के बाद गहलोत ने कहा कि वह लोगों की सेवा को प्राथमिकता देते हैं और इसी भावना के साथ राजनीति में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है।
यह इस्तीफा दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है, खासकर आम आदमी पार्टी के लिए, जो हाल के दिनों में कई चुनौतियों का सामना कर रही है।