पूर्व ब्लॉक प्रमुख व वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी वीरेन्द्र सिंह का निधन!

मीरापुर। थानाक्षेत्र के ग्राम कुतुबपुर निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख व वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी वीरेन्द्र सिंह का बीमारी के चलते निधन होना क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
क्षेत्रवासियों व भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए तथा किसान हित के लिए सदैव समर्पित रहे वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह कुतुबपुर का तड़के 4 बजे निधन हो गया। उनके द्वारा किए गए कार्य के लिए लोग उन्हें लंबे समय तक याद रखेंगे।
मुज़फ्फरनगर जनपद में वर्ष 2013 के दंगे से पहले जाटों को लामबंद करना, केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान के करीबी पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह एक बेहतरीन वक्ता भी थे जब वह किसी भी मंच से बोलते थे तो सभा में सन्नाटा सा छा जाता था। लोगों उन्हें बहुत गौर से सुना करते थे। वह अपनी सभा में बोलने के दौरान चुटकुले, कहानी या घटनाओं को लच्छेदार भाषा और भाव से सुनाया करते थे और आम लोगों को खुद से सीधे जोड़ लेते थे। बहुत कम लोगों को मालूम है कि 31 अगस्त को जो पंचायत मुज़फ्फरनगर जनपद के ग्राम नगला मंदौड़ के मैदान में हुई थी, उसे आयोजित कराने में वीरेंद्र सिंह प्रमुख का बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने ही 7 सितंबर की पंचायत करने की भी घोषणा की थी हालांकि उन्हें दो दिन पहले ही 5 तारीख को गिरफ्तार कर लिया गया था। एक समय चौधरी टिकैत के सर्वाधिक करीबी रहे वीरेंद्र सिंह प्रमुख कई किसान आंदोलन, सभाओ, कार्यक्रमों के संचालक भी रहे। उन्होंने विधायक बनने हेतु टिकैत के कहने पर चुनाव भी लड़ा।
वह भाजपा से भी गहरे से जुड़े हुए थे और उसकी नीतियों में विश्वास करते थे हालांकि भाजपा में वह सक्रिय रूप से शामिल होकर कार्य नहीं कर रहे थे। जब देश किसानों के लिए आए तीन कानून को किसान संगठनों के द्वारा काला कानून बताए जाने के बाद 13 महीने के लंबे संघर्ष को देख रहा था उस वक्त वीरेंद्र सिंह कुतुबपुर खुले तौर पर आंदोलन पर व्यक्ति विशेष को घेर रहे थे। वर्ष 2012-13 में मेरठ कमिश्नरी पर सरदार वीएम सिंह के नेतृत्व में चले किसान आंदोलन में वह प्रतिदिन उपस्थित रहते थे और उस समय उनका उस आंदोलन को सफल बनाने में विशेष योगदान था। तथा पूर्व प्रमुख वीरेन्द्र सिंह कैबिनेट सेक्रेटरी स्वर्गीय शशांक शेखर के वह चचेरे भाई थे। वह समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया द्वारा बहुत पसंद किए जाते थे और उनकी कई बातों को प्रिंट मीडिया मुख्य तौर पर प्रकाशित करता था, तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया डिजिटल मीडिया उनके कथन को बार-बार दिखाया करता था।

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