भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों के लिए किये सारे इंतजाम : डॉ. अजीत सिन्हा
एफसीआई केन्द्रों पर उचित तौल एवं त्वरित भुगतान से किसानों को मिल रहा लाभ
सासाराम/बक्सर। रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं खरीद को लेकर किए गए सुदृढ़ प्रबंधों से किसानों में उत्साह का माहौल है। एफसीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि एफसीआई केन्द्रों पर उचित तौल व्यवस्था और 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे उन्हें बड़ा लाभ हो रहा है।
डॉ. सिन्हा ने सोमवार को रोहतास जिले के कोचस स्थित गेहूं क्रय केंद्र का निरीक्षण किया और किसानों से सीधे संवाद किया। उन्होंने जानकारी दी कि किसानों को बोरे की सुविधा भी एफसीआई द्वारा दी जा रही है, जिससे उन्हें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ रहा है।
इस अवसर पर बिहार क्षेत्र के उप-महाप्रबंधक (अधिप्राप्ति) सुशील कुमार सिंह, मंडल प्रबंधक राजेश सिंह पंगती, सहायक महाप्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) अजय कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जिससे अब गेहूं की खरीद ₹2,425 प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। उन्होंने बताया कि बिहार में एफसीआई द्वारा कुल 151 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिनमें बक्सर में 7, रोहतास में 10 और कैमूर में 13 केंद्र शामिल हैं।
बैठक के दौरान फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) के प्रतिनिधियों से भी संवाद हुआ। डॉ. सिन्हा ने उनसे अपील की कि वे अपने सदस्य किसानों को सरकारी क्रय केंद्रों पर एमएसपी दर पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार के कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान नजदीकी क्रय केंद्र पर जाकर अपना गेहूं बेच सकते हैं और भुगतान सीधे अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि खरीद प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और पूरी तरह किसानोन्मुखी बनाया गया है।
इस दौरान किसान प्रतिनिधियों ने खरीद प्रक्रिया को लेकर कई सुझाव भी दिए, जिन पर अधिकारियों ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। डॉ. सिन्हा ने कहा कि किसानों की सक्रिय भागीदारी से व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी और सरकार की योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचेगा।