एक साल में 25 हजार युवाओं को रोजगार देगा एफडीए इंडिया
जरूरत के समय ले जाएं सामान, बिना ब्याज आसान किस्तों में करें भुगतान
- रिपोर्ट: राहुल श्रीवास्तव
किसानों के चेहरे पर लौटेगी मुस्कान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी सशक्त
बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। 80% से अधिक ग्रामीण परिवार कृषि पर निर्भर हैं। किसानों की कमजोर आर्थिक स्थिति, महंगाई और बेरोजगारी यहां की प्रमुख समस्याएं हैं। इस कारण बिहार से हर साल बड़ी संख्या में युवा वर्ग पलायन कर जाता है। इसका असर खेती और गांवों पर पड़ रहा है। एफडीए इंडिया ने इन्हीं तीन समस्याओं के समाधान पर काम करने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कम से कम 25 हजार युवाओं को उनके घर के पास रोजगार देना एफडीए का प्रमुख लक्ष्य है। किसानों तक सस्ती दर पर रोजमर्रा की जरूरत के सामान (FMCG) के साथ खाद एवं यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित कराना, दूसरा लक्ष्य है। इससे महंगाई दर पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
स्वाभिमान केंद्र एवं स्वाभिमान कार्ड इस दिशा में एफडीए इंडिया की एक पहल है। इनके माध्यम से एफडीए किसानों को सशक्त करेगा। हमसे जुड़ने के बाद किसानों को रोजमर्रा के सामान के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और ना ही खेती के समय महाजन से कर्ज लेने की जरूरत ही होगी। किसान एवं आम आदमी स्वाभिमान कार्ड के जरिए जरूरत के समय स्वाभिमान केंद्र से सामान ले पाएंगे और बिना ब्याज आसान किस्तों में उसका भुगतान कर पाएंगे।
एफडीए न सिर्फ रोजगार के अवसर सृजित करेगा, बल्कि कामकाजी व्यवसाय मॉडल द्वारा किसानों को उनके आर्थिक विकास में सहायता भी करेगा। समाज और किसानों के आर्थिक विकास पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए एफडीए एफएमसीजी और विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन सेवाओं के विनिर्माण, परिवहन, वितरण और आपूर्ति में भाग लेगा। साथ ही किसानों और अन्य उद्योगों या क्षेत्रों को न्यूनतम या सस्ती कीमतों पर इनकी आपूर्ति करेगा।
हमें विश्वास है कि स्वाभिमान केंद्र आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रमुख अंग होगा। यह निश्चय ही किसानों की आमदनी बढ़ाने में उपयोगी बनेगा। स्वाभिमान कार्ड किसानों के आत्मसम्मान का प्रतीक होगा। हम इनके माध्यम से एक उन्नतिशील ग्रामीण समाज की नींव रखने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी नीति एवं सोच स्पष्ट है। जल्द ही आप बिहार में इसे मूर्त रूप में पाएंगे।
एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत बिहार से ही क्यों की जा रही है? दरअसल, बिहार क्रांति की भूमि है। इस प्रोजेक्ट के जरिए खासकर गांवों में सामाजिक एवं आर्थिक स्तर पर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जब लाखों किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटेगी, गांवों से रोजगार के लिए पलायन कम होगा तो पूरी दुनिया इसका गवाह बनेगी। इस क्रांति की लौ से हम पूरे भारत को महज पांच साल में रोशन करने का संकल्प पूरा करेंगे। प्रोजेक्ट एवं रोजगार के संबंध में विस्तृत जानकारी हमारी वेबसाइट www.fdaindia.org पर उपलब्ध है। जल्द ही एक टॉल फ्री नंबर जारी किया जाएगा, जिस पर कॉल कर कोई भी योजना एवं इससे संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेगा।