फैटी लिवर और सिरोसिस: बदलती जीवनशैली के कारण और बचाव के उपाय

आजकल बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों के कारण कई लोग फैटी लिवर जैसी गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं. अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया जाए, तो यह समस्या लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक स्थिति को जन्म दे सकती है.

क्या है लिवर सिरोसिस? फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपटोबिलिअरी साइंसेज के निदेशक डॉ. पंकज पुरी के अनुसार, “सिरोसिस एक ऐसी लिवर की बीमारी है जिसमें लिवर सख्त हो जाता है और उसके कार्य में खराबी आ जाती है.” लिवर की समस्या से जूझ रहे 10 प्रतिशत लोग लिवर सिरोसिस का शिकार हो जाते हैं, जिससे लिवर खराब हो सकता है, पेट में पानी भर सकता है और खून की उल्टी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

मेटाबोलिक सिंड्रोम और अन्य कारण लिवर सिरोसिस के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, फैटी लिवर और शराब का सेवन प्रमुख हैं. इसके अलावा, मेटाबोलिक सिंड्रोम भी लिवर की समस्याओं को बढ़ा सकता है. फैटी लिवर में लिवर में सूजन आ जाती है, जो समय के साथ और भी गंभीर हो सकती है.

बचाव के उपाय डॉ. पुरी के अनुसार, “लिवर सिरोसिस की बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले वजन कम करना बेहद जरूरी है. साथ ही शराब से भी दूरी बनानी चाहिए.” इसके अतिरिक्त, यदि किसी व्यक्ति को पहले से हेपेटाइटिस बी या सी का खतरा है, तो उसे विशेष ध्यान देना चाहिए.

स्वस्थ आहार और वर्कआउट की आदत लिवर की सेहत को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी है. इसके साथ ही, शारीरिक गतिविधियों और वर्कआउट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए. यह न केवल वजन कम करने में मदद करेगा, बल्कि लिवर को भी स्वस्थ रखेगा.

लिवर की विशेषता लिवर शरीर का एक ऐसा अंग है, जो अपनी क्षति की भरपाई कर सकता है और कई महत्वपूर्ण कार्य करता है. हालांकि, आजकल की बदलती जीवनशैली, खानपान और गलत आदतों के कारण यह अधिक प्रभावित हो सकता है, इसलिए लिवर की सेहत का ख्याल रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

निष्कर्ष लिवर सिरोसिस और फैटी लिवर जैसी बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित वर्कआउट, शराब से दूरी और चिकित्सकीय सलाह का पालन करना आवश्यक है. अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर हम लिवर की सेहत को बेहतर बना सकते हैं.

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