केंद्र सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट में धरना और ज्ञापन भेजा

रामपुर: केंद्र सरकार द्वारा किए गए वायदों को पूरा न करने के विरोध में किसानों ने सड़क पर उतरकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और धरना दिया। इस दौरान किसानों ने डीएम के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। यह प्रदर्शन भाकियू के राष्ट्रीय आह्वान पर हुआ, जिसमें प्रदेश महासचिव हसीब अहमद और जिला अध्यक्ष जगजीत सिंह गिल के नेतृत्व में कार्यकर्ता प्रदेश कैंप कार्यालय पर एकत्र हुए। इसके बाद सभी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और धरने पर बैठ गए।

किसान नेताओं का आरोप और चेतावनी
धरने के दौरान हसीब अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक एक भी वादा पूरा नहीं किया है। एमएसपी गारंटी कानून के संबंध में सरकार खामोश है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। धरने में कई अन्य किसान नेता भी शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल थे, जो 43 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं।

ज्ञापन के मुख्य बिंदु
किसान नेताओं ने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाई गईं:

  • एमएसपी गारंटी: सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के साथ सी2+50 प्रतिशत पर एमएसपी दी जाए।
  • गन्ने का मूल्य: गन्ने का मूल्य उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में खर्च के अनुपात में 500 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया जाए।
  • किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 43 दिन से आमरण अनशन पर हैं, उनके स्वास्थ्य को देखते हुए केंद्र सरकार किसानों की सभी मांगें जल्द से जल्द पूरी करे।
  • ऋण माफी: ऋणग्रस्तता और किसान आत्महत्या को समाप्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी की घोषणा की जाए।
  • एनएमपी को खत्म करें: राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त किया जाए, और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण न किया जाए।
  • प्रीपेड स्मार्ट मीटर: कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर न हो।
  • मुफ्त बिजली: कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली दी जाए और घरेलू उपयोगकर्ताओं तथा दुकानों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए।
  • डिजिटल कृषि मिशन: कोई डिजिटल कृषि मिशन (डीएएम), राष्ट्रीय सहयोग नीति और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ आईसीएआर समझौते न किए जाएं।
  • भूमि अधिग्रहण: भूमि अधिग्रहण समाप्त किया जाए और एलएआरआर अधिनियम 2013 व एफआरए को लागू किया जाए।
  • कॉर्पोरेट साम्प्रदायिक नीतियां: सार्वजनिक संपत्ति के निगमीकरण और विभाजनकारी नीतियों के उद्देश्य से कॉर्पोरेट साम्प्रदायिक नीतियों को खत्म किया जाए।
  • बीज नीति: बीज नीति में संशोधन किया जाए क्योंकि अत्यधिक पेस्टीसाइड्स का उपयोग आम जनजीवन के लिए खतरनाक हो रहा है। साथ ही, खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों व अन्य वस्तुओं को जीएसटी मुक्त किया जाए और देश में जेनेटिकली मोडिफाईड सीड्स पर रोक लगाई जाए।
  • शुगर केन कन्ट्रोल आर्डर: शुगर केन कन्ट्रोल आर्डर और खाण्डसारी रेगुलेशन्स 2024 को रद्द किया जाए, क्योंकि इस आदेश से उत्तर प्रदेश में 350 खाण्डसारी उद्योग प्रभावित हो रहे हैं, जिसका सीधा असर गांव के किसानों पर पड़ रहा है।
  • न्यू नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट पॉलिसी: सरकार न्यू नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट पॉलिसी को रद्द करे, और सभी किसान संगठनों से चर्चा कर एक प्रभावी नीति तैयार करें।

धरने में शामिल अन्य प्रमुख नेता:

  • राशिद चौधरी
  • हुसैन प्रधान
  • मास्टर तौकीर चौधरी
  • राजपाल होरीलाल
  • वीरेंद्र यादव
  • खुशीराम
  • साजिद चौधरी
  • छिदा नेता
  • दरियाव सिंह
  • मुस्तकीम
  • इकरार
  • बंटी
  • मास्टर सतनाम सिंह
  • दलजीत सिंह
  • प्यारा सिंह
  • लखविंदर सिंह
  • अनुपजोत सिद्धू
  • निर्मल सिंह
  • प्रकाश सिंह
  • सुरेंद्र सिंह
  • गुरमीत सिंह
  • जिला अध्यक्ष जगजीत सिंह
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