किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने देवी दासपुरा में की प्रेस कॉन्फ्रेंस, आज चक्का जाम और रेल रोको आंदोलन का ऐलान
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए मुद्दे
अमृतसर: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आज देवी दासपुरा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार और पंजाब सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज, दोनों फार्मा के किसान संगठनों द्वारा दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। इसके अलावा, किसान नेता ने स्पष्ट किया कि उनकी 12 प्रमुख मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन भी किया जा रहा है।
केंद्र और पंजाब सरकार के विरोध का संकल्प
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार का कोई भी सांसद या मंत्री पंजाब आता है, तो किसान उनका पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने विशेष रूप से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी का उल्लेख किया, जो आज अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर आ रही हैं, और उनका भी घेराव किया जाएगा। पंधेर ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रचार के लिए पंजाब में घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
आंदोलन को बड़े जन आंदोलन के रूप में लाने की रणनीति
किसान नेता ने इस जन आंदोलन को और अधिक व्यापक रूप से फैलाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि देशभर के किसानों और मजदूरों को इस आंदोलन का समर्थन करना होगा। पंधेर ने कहा कि शंभू और खनुरी बॉर्डर से उठ रही आवाज़ अब देशभर के किसानों तक पहुँच रही है और माताएं-बहनें आज किसानों के साथ मजबूती से खड़ी हैं।
किसान मजदूर मोर्चा का समर्थन और 12 प्रमुख मांगें
किसान मजदूर मोर्चा एसकेएम के साथ आज के रेल रोको आंदोलन का समर्थन कर रहा है। इस आंदोलन में मंजीत धनेर और बीकेयू का भी सहयोग है। पंधेर ने कहा कि कई किसान संगठनों का इस आंदोलन में समर्थन प्राप्त है, जिसमें रणयोध सिंह द्वारा किए गए आत्महत्या प्रयास और शहीद हुए किसान के परिवार को मुआवजा देने की मांग शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार की नीतियों के कारण किसानों का जीवन कठिन हो गया है।
रेल रोको आंदोलन का आह्वान
पंधेर ने बताया कि पंजाब के 55 जगहों और 23 जिलों से इस आंदोलन को लेकर रिपोर्ट्स आ रही हैं। उन्होंने सभी पंचायतों और युवा क्लबों से अपील की कि वे 12 बजे से 3 बजे तक ट्रेन के गेट को देख लें और उसे जाम कर दें। पंधेर ने कहा कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
आंदोलन के लिए 12 प्रमुख मांगें
आंदोलन के तहत किसान और मजदूरों के लिए कई प्रमुख मांगें उठाई गई हैं, जिनमें प्राइवेट बिजली बिलों को वापस लेना और प्रदूषण के मुद्दे पर कदम उठाना शामिल है। इसके साथ ही, संविधान की पांचवी अनुसूची और आदिवासी लोगों की वन भूमि पर विशेष ध्यान देने की मांग भी की गई है।