फरीदाबाद में एक महिला के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। इस जघन्य अपराध के लिए दोषी को कोई माफी नहीं दी जा सकती। इस केस में 12 तारीख पड़ी और दोनों तरफ से कुल 22 गवाह पेश किए गए।
फरीदाबाद। दुष्कर्म के बाद महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर उसकी चुन्नी से हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की कोर्ट ने दोषी को धारा 376 और 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई। दो साल चले इस केस में 12 तारीख पड़ी।
दोनों तरफ से कुल 22 गवाह पेश किए गए। बुधवार को सेशन जज ने यह टिप्पणी करते हुए फांसी की सजा सुनाई कि मानसिक दिव्यांग महिला का दुष्कर्म करके हत्या करना जघन्य अपराध है। इसमें माफी नहीं दी जा सकती।
2022 नवंबर माह में सेक्टर-आठ थाना क्षेत्र में रहने वाली दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया था। केस के मुताबिक सेक्टर-आठ थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला मानसिक दिव्यांग थी। वह अपने पति को बिना बताए घर से निकल गई थी। घर से निकलने के बाद महिला का संपर्क बाटा चौक के पास रहने वाले मनोज नेपाली से हुआ।
महिला का चुन्नी से घोंटा था गला
मूल रूप से नेपाल का रहने वाले मनोज नशा करने का आदी था। वह छीना झपटी और नशाखोरी करता था। मनोज महिला का दुष्कर्म करने के इरादे से उसको बाटा रेलवे स्टेशन से सेक्टर-सात में बने खंडहर में ले गया। जहां न सिर्फ महिला का दुष्कर्म किया, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर चुन्नी से गला घोंट दिया।
घटना का नहीं था कोई चश्मदीद गवाह
मामले में सरकारी वकील सुरेश चौधरी ने कहा कि इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। ऐसे में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुजरिम तक पहुंची। दोषी ने महिला के साथ जाते हुए गुरुद्वारे के सामने माथा टेका था। जिसके बाद पुलिस ने मनोज नेपाली को गिरफ्तार किया। दोषी के सीमेन महिला के कपड़े पर मिला। डीएनए भी मैच हो गया। जिसके आधार पर सेशन जज ने अपना फैसला सुनाया।